सावन के सोमवार चल रहे हैं। बारिश का मौसम है और महादेव की पूजा हर तरफ हो रही है। सावन के पवित्र माह में पड़ने वाले सभी दिन ही खास होते हैं। इस महीने में सोमवार के अलावा प्रदोष का व्रत भी मायने रखता है। यह मनोकामना को पूरा करता है और कृपा बनाए रखता है। इस बार यह व्रत सोमवार को पड़ रहा है, जो काफी शुभ योग में है। आइए जानते हैं इसकी खास बात।

सावन में विशेष महत्व
प्रदोष का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रदोष का अर्थ रात की शुरुआत बताई गई है इसलिए इसकी पूजा भी इसी दौरान होती है। यह हर कृष्ण और शुक्ल पक्ष में होता है जो पंचांग के अनुसार मास में दो बार पड़ता है। हर पक्ष में यह त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है। इस व्रत को महिलाएं ही कामनापूर्ति के लिए करती हैं। वैसे तो सोमवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत सोम प्रदोष कहलाता है और यह खास होता है। इसी तरह मंगलवार को पड़ने वाला प्रदोष भौम प्रदोष और शनिवार को शनि प्रदोष कहते हैं। यह दिन भगवान शंकर की पूजा का दिन होता है और सावन में इसका विशेष महत्व है।
कब है प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार पड़ने वाले माह में कृष्ण पक्ष में अगर शनिवार को प्रदोष व्रत होता है तो वह काफी अच्छा माना जाता है। इसी तरह सोमवार को भी प्रदोष व्रत पड़ने पर शुरुआत कर सकते हैं। इस बार यह 25 जुलाई को पड़ रहा है। सोमवार को सोम प्रदोष होगा। इस तरह से यह काफी अच्छा संयोग है। फिर सावन में ही नौ अगस्त को मंगलवार को होगा जिसे भौम प्रदोष कहा जाएगा। सावन के महीने में इस व्रत को करने से विशेष लाभ होगा। अगर अच्छा होगा कि इस दिन भगवान शंकर का रुद्राभिषेक भी किया जाए। प्रदोष व्रत की कहानी भी काफी प्रचलित है जो मानी जाती है।
GB Singh
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