हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने में अमावस्या व पूर्णिमा पड़ती है। इसी से हमारे पंचांग में दिनों और महीनों की गिनती होती है। वैशाख मास चल रहा है। इसके बाद ज्येष्ठ मास आएगा। महीने की अंतिम तिथि को पूर्णिमा पड़ती है। हिंदुओं में हर पूर्णिमा का विशेष महत्व है लेकिन वैशाख पूर्णिमा खास माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था ऐसे में इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। यह इस बार 16 को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं।

कैसे करें पूजा
पूर्णिमा के दिन लोग पूजा करते हैं और व्रत करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से काफी लाभ मिलता है और अगर कुंडली में किसी तरह का कोई चंद्र दोष है तो उससे मुक्ति पाई जा सकती है। यह महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इसे अन्य महीनों में काफी अच्छा माह माना जाता है। कहते हैं कि अगर इस दिन व्रत और पूजा की जाए तो न केवल विष्णु बल्कि यमराज जी को भी प्रसन्न कर सकते हैं। मृत्यु के देवता यमराज भी इस दिन व्रत करने से खुश होते हैं। इस दिन जल से भरा हुआ घड़ा के अलावा मिट्टी के बने कुल्हड़, पंखे, खड़ाऊ, छाता, घी, खरबूज और नमक, साग व चावल, चीनी भी दान कर सकते हैं।
वैशाख पूर्णिमा क्यों है खास
वैशाख पूर्णिमा को खास माना गया है। यह चंद्र की पूजा करने के लिए काफी अच्छा दिन माना जाता है। भगवान भोग लगाते हैं और पंचामृत उनको अतिप्रिय है। अगर माह तक जो स्नान वैशाख पूर्णिमा के लिए करते हैं उसके लिए यह अच्छा दिन है। इस दिन नदी और तालाब में स्नान करेन से अच्छा फल मिलता है। इसके बाद दान जरूर करना चाहिए। दान में आप चाहें तो कपड़े या फल या अनाज दे सकते हैं। या फिर घी, जल से भरा घड़ा और मिठाई भी दे सकते हैं। शक्कर और तिल भी दान दे सकते हैं। इस दिन पूजा और दान से काफी हद तक अच्छा होता है।
GB Singh
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