शनिदेव की पूजा करने वाले भक्तों के लिए अपने संकट दूर करने का उपाय है। यह 30 मई को पड़ने वाली शनि जयंती के दिन की जा सकती है। इस बार की शनि जयंती काफी खास मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि अगर शनि जयंती के दिन भक्त दान और पूजन करते हैं तो उनकी समस्याएं कम होंगी और आगे कई तरह के लाभ मिलेंगे। आइए जानते हैं।
खास है शनि जयंती
शनि को न्याय और कर्म देवता माना जाता है इसलिए इनके भक्तों को झूठ और छल कपट से बचना चाहिए। ऐसा करने वाले भी अगर शनि की पूजा करते हैं तो उनको किसी भी तरह से भगवान का आशीर्वाद नहीं मिलता, बल्कि किसी को कष्ट देने पर शनि महाराज नाराज ही होते हैं। इसलिए अच्छे कर्मों को करने वाले लोग ही शनि देव की शरण को पाते हैं। उनकी पूजा करने वालों को सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। इस बार शनि जयंती इसलिए भी खास है क्योंकि यह अमावस के दिन पड़ रहा है। इस बार सोमवारी अमावस में वट सावित्री का व्रत भी है। ऐसे में शनिदेव की जयंती काफी खास मानी जा रही है।
विशेष उपाय जरूर करें
शनि जयंती के दिन लोगों को विशेष उपाय करने से भगवान शनि का आशीर्वाद मिलेगा। इसलिए अमावस्या के दिन को जानते हुए सुबह ही स्नान करना अच्छा होगा। जयंती 29 मई को दोपर में 2 बजकर 54 मिनट पर लगेगी और 30 मई को शाम 4 बजकर 59 बजे तक रहेगी। ऐसे में 30 मई को उदया तिथि के अनुसार शनि जयंती होगी। इसलिए 30 मई को सुबह 7 बजकर 12 मिनट से लेकर 31 मई को मंगलवार सुबह साढ़े 5 बजे तक सर्वार्थ सिद्ध योग में पूजा करना अच्छा होगा। दान करना सबसे अच्छा माना गया है। साथ ही शनिदेव के मंदिर में सरसो का तेल, काला तिल, काला कपड़ा, काली उड़द की दाल चढ़ाएं या फिर दान करें। यह अच्छा माना जाता है।
GB Singh