नवरात्रि के साथ ही रमजान का पवित्र महीना भी शुरू हो चुका है। हिंदू और मुस्लिम के व्रत व रोजे साथ चल रहे हैं। बाजारों में भी रौनक दिख रही है। रमजान का महीना इबादत का होता है। कुछ रोजेदार पांच समय की नमाज पढ़ते हैं और कुछ लोग सुबह और शाम की। सुबह की सहरी से लेकर शाम की इफ्तारी को लेकर लोगों में जबरदस्त जोश और उमंग दिखता है। लेकिन रोजे के दौरान आपको कुछ बातों को ध्यान भी रखना होता है ताकि रोजे अच्छे से जाएं। आइए जानते हैं।
रोजेदार रखें संयम
रमजान 2 अप्रैल से शुरू हुआ है और यह एक माह तक चलेगा। ईद का चांद दिखने के बाद लोग ईद उल फितर मनाएंगे और रमजान का समापन हो जाएगा। भारत में लोगों ने पहला रोजा 3 अप्रैल को रखा। माना जाता है कि इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक, रमजान नौवां महीना है और इस माह में इबादत को अच्छा मानते हैं। रमजान के दौरान रोजेदारों को कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है और उनमें से एक है संयम बरतना और गुस्से पर नियत्रंण रखना। लोगों को अपने खाने पर काबू पाने के साथ ही दिल पर भी काबू पाना होगा। आप किसी को न तो बुरा बोल सकते हैं और न ही बुरा देख सकते हैं। सबको खुश रखना रमजान का पहला काम है।
इनका भी रखें ध्यान
रमजान में शारीरिक संबंध नहीं मना सकते। रोजेदार को अपनी काम इच्छा पर नियंत्रण पाना आवश्यक होता है। साथ ही किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिएि। किसी से झूठ न बोले और न ही किसी के साथ धोखा करें। ऐसा रमजान के दौरान करने को कहा गया है क्योंकि यह इबादत का महीना है और गलत काम नहीं करना चाहिए। गलत चीजों का सेवन रमजान में नहीं करें। झगड़ा करना भी अच्छा नहीं होता है। रमजान में अच्छा होगा कि शाम की इफ्तारी के लिए किसी गरीब को भी कुछ दिया जाए ताकि उसकी भी इफ्तारी हो। वैसे तो सभी धर्मों में व्रत और रोजों के दौरान एहतियात बरतने को कहा जाता है जो सेहत के साथ अन्य दृष्टि से भी अच्छा होता है। इसे धार्मिक के साथ ही वैज्ञानिक कारण भी होते हैं।
GB Singh