दक्षिण कोरिया और चीन के शीर्ष राजनयिकों ने मंगलवार को करीबी रिश्ते मजबूत करने का संकल्प जताया। उन्होंने बीजिंग और अमेरिका के बीच गहरी होती प्रतिद्वंद्विता के बीच औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला को भी स्थिर रखने पर सहमति जताई है।
अमेरिका का लंबे समय से साझेदार दक्षिण कोरिया चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुखर होती विदेशी नीति के साथ संतुलन बनाने में मुश्किल का सामना कर रहा है। ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच बढ़े तनाव ने स्थिति को और जटिल बना दिया है क्योंकि दक्षिण कोरिया की सरकार दोनों पक्षों के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध कायम रखना चाहती है।
दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क जीन और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पूर्वी चीनी शहर क़िंगदाओ में अपनी बैठक के अलग-अलग बयानों में तीन दशकों के सफल व्यावसायिक संबंधों के आधार पर संबंधों के विकास का आह्वान किया।

दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री पार्क के मंत्रालय ने कहा कि देश आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों, जलवायु परिवर्तन सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की सुविधा पर उच्च स्तरीय संचार बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि देश इस वर्ष के भीतर विदेश मामलों और रक्षा के उप मंत्री स्तर के अधिकारियों द्वारा ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए।
मार्च में पदभार ग्रहण करने वाले दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल उत्तर कोरियाई परमाणु खतरों के जवाब में वाशिंगटन और जापान के साथ सुरक्षा संबंधों में सुधार करना चाहते हैं।
चीन, उत्तर कोरिया का मुख्य सहयोगी है। चीन जापान को एक रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखता है लेकिन जापान दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा निर्यात बाजार भी है।

नैंसी पेलोसी ने पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया का दौरा किया था। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल छुट्टी पर थे। राष्ट्रपति यूं सुक ने उनसे आमने-सामने की बजाय फोन पर बात की थी। उनके आलोचकों ने उन पर चीन के साथ संबंधों की रक्षा के लिए उनसे मिलने से बचने का आरोप लगाया था।
दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि वांग ने पार्क से कहा कि चीन कोरियाई प्रायद्वीप में शांति के लिए संभव प्रयास करना जारी रखेगा। पार्क ने यह भी उम्मीद जताई कि चीनी नेता शी दक्षिण कोरिया का दौरा करेंगे।
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