लखनऊ: उत्तर प्रदेश-पंजाब सहित 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद से G-23 कहा जाने वाला पार्टी का असंतुष्ट खेमा का काफी सक्रिय हो गया है। बुधवार को दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर 18 नेताओं की मीटिंग हुई, जिसमें कुछ लोग जी-23 में शामिल हैं, जबकि कई और नए नेता भी शामिल रहे। इस बैठक को लेकर कहा जा रहा था कि इसमें कांग्रेस में बड़े परिवर्तनों की मांग के साथ कुछ प्रस्ताव पारित हो सकते हैं, किन्तु बैठक में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।
इस बैठक में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की मांग की है। बैठक में गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनाने या फिर संगठन चुनावों को लेकर कोई मांग नहीं की गई। हालांकि इन नेताओं ने पार्टी को सुझाव दिया है कि कांग्रेस को उन राजनितिक पार्टियों के साथ गठबंधन करना चाहिए, जो उसकी विचारधारा से सहमति रखते हैं। खासतौर पर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए यह सुझाव दिया गया है।
इन नेताओं ने कहा कि कांग्रेस को प्रयास करना चाहिए कि वह विपक्षी दलों के बीच अलग-थलग न पड़े। इस बैठक में कुल 6 राज्यों के नेता शामिल हुए थे। गांधी परिवार पर ही सीधा हमला करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के अलावा आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण भी इसमें शामिल थे। ये सभी नेता जी-23 ग्रुप का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने दो वर्ष पूर्व सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बदलावों की मांग की थी।
बता दें कि इस बार जी-23 की बैठक में भूपिंदर सिंह हुड्डा, राज बब्बर, शंकर सिंह वाघेला और मणिशंकर अय्यर भी पहुंचे थे। ये सभी नेता पहले जी-23 समूह में शामिल नहीं थे। दिलचस्प बात यह है कि केरल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर भी इस बैठक में शामिल हुए। वह दो वर्ष पूर्व सोनिया को खत लिखने वाले नेताओं में शामिल थे, मगर तब से ही उससे दूरी बनाए हुए थे।