बचपन से पढ़ाई में रहे कमजोर
बीएम बालकृष्ण का जन्म आंध्रप्रदेश के चित्तूर में एक गांव मं हुआ था। गांव का नाम शंकरयालपेटा था। बालकृष्ण के पिता किसान थे और माता सिलाई के अलावा आंगनबाड़ी स्कूल में पढ़ाती थीं। इनके यहां दूध का काम भी होता था। बालकृष्ण बचपन से ही पढ़ने में अच्छे नहीं थे। वह गणित में कई बार फेल हुए, लेकिन फिर भी शिक्षा पूरी की। उन्होंने बाद में नेल्लोर से आॅटोमोबाइल में डिप्लोमा किया। मुश्किल से फीस भरने के कारण उनके मन में यह बात उठी कि उन्हें आगे कुछ करना है ताकि यह पैसा बर्बाद न जाए। उनको एक हजार रुपए भेजने के लिए उनके माता पिता को 350 लीटर से अधिक दूध बेचना पड़ता था क्योंकि उस समय दूध का दाम तीन रुपए लीटर था। उन्होंने इस दौरान अच्छे से पढ़ाई कर कालेज में दूसरा स्थान पाया। इसके बाद वे बैंगलोर में नौकरी के लिए आ गए।
कई काम किए
उन्होंने कई कंपनियों में नौकरी मांगी लेकिन सफल नहीं हुए। उन्होंने कारों की धुलाई की और 500 रुपए कमाया। पंप चलाने के काम में उन्हें 2000 रुपए वेतन मिला। इसके बाद मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के पद पर 14 साल काम करने के बाद उन्होंने पैसा जमा किया। 2010 में पीएफ अकाउंट से एक लाख 27 हजार रुपए में एक्वापॉट शुरू किया और काफी मेहनत की। उन्होंने फंड जुटाया। माकेसर््िटिंग में पसीना बहाया। कई काम वे खुद ही करते थे। इसके बाद उनकी कंपनी की पहचान बननी शुरू हुई। आज दक्षिण के हैदराबाद, विजयवाड़ा, बंगलुरु, तिरूपति व अन्य जगह उनका कारोबार फैल गया है और यह 25 करोड़ रुपए तक है।
GB Singh
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features