बचपन से थे इस बीमारी से ग्रसित
स्टुअर्ट बचपन से ही एक बीमारी से ग्रसित थे। स्टुअर्ट को बचपन से ही अस्थमा की बीमारी है। उन्हें स्कूल के दिनों में अपनी बीमारी के बारे में बात करने में शर्म आती थी तो वे अपने दोस्तों को इसके बारे में नहीं बताते थे। बता दें कि स्टुअर्ट ने अब तक 148 टेस्ट मैच खेले हैं। हालांकि वे बचपन से ही अस्थमा से पीड़ित थे। जब वे 12-13 साल के हुए तो वे इस बीमारी को अच्छी तरह से जान गए थे। स्टुअर्ट स्कूल के दिनों से सांस की इस बीमारी से जूझ रहे थे इसलिए अकसर उनकी तबीयत बिगड़ी ही रहती थी। उन्हें आयदिन स्कूल से छुट्टी लेनी पड़ती थी ताकि उनके फ्रेंड्स उनका मजाक न बना दें। हालांकि वो छुट्टी लेने के लिए सही वजह नहीं बताते थे। वे किसी बीमारी का बहाना बना देते थे।
इस वजह से दोस्तों को नहीं बताई बीमारी
स्टुअर्ट ने खुलासा किया है कि आखिर वे अपने दोस्तों को इस बीमारी के बारे में क्यों नहीं बताते थे। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं बचपन से ही अस्थमा ग्रसित रहा हूं। मैं हमेशा शर्माता था कि मेरे फ्रेंड्स मुझसे दूर न हो जाएं या फिर मेरा मजाक न उड़ाएं।’ बता दें अस्थमा जैसी गंभीर सांस की बीमारी के चलते भी वे एक बेहतरीन क्रिकेटर बने। इतना ही नहीं उन्होंने अपे देश इंग्लैंड के लिए 148 टेस्ट मैच भी खेले। इस खेल में फिट होना व स्टेमिना होना बहुत जरुरी होता है। फिर भी स्टुअर्ट इस खेल का अभिन्न हिस्सा बन गए।
मां ने बनाया स्टुअर्ट को क्रिकेटर
स्टुअर्ट ने एक और खुलास किया कि वे अपनी मां की वजह से क्रिकेटर बने हैं। ब्राॅड ने कहा कि किसी बच्चे को जब अस्थमा हो जाता है तो पैरेंट्स बच्चे को खेलों से दूर रखते हैं। हालांकि मेरे पैरेंट्स ने मुझे वो करने दिया जो मैं करना चाहता था। मेरी मां एक स्पोर्ट्स टीचर थीं और ऐसे में उन्होंने मुझे खेलने के लिए प्रेरित किया।
ऋषभ वर्मा
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