लखनऊ: बच्चों में मोबाइल की आदत सहेत और जिंदगी दोनों के लिए हानिकारक है। इंटरनेट पर रोज एक के बाद एक गेम चैलेंज बच्चों के लिए खतारनाक साबित हो रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सआदतगंज इलाके में रहने वाले 9 वीं के छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। परिवार वालों का कहना है कि छात्र कई दिनों से मोबाइल फोन पर गेम खेल रहा था। चर्चा ऐसी है कि छात्र ने मोमा गैम के चलते चैलेंच पूरा करने के लिए आत्महत्या कर ली। फिलहाल इस बात की कोई पुष्टिï नहीं हो सकी है। वहीं पुलिस भी इस बात से इनकार कर रही है। पुलिस का कहना है कि घरवालों की डांट के चलते किशोर ने आत्महत्या की है।
सआदतगंज के पुराना पान दरीबा निवासी शीतला प्रसाद अपने परिवार संग रहते हैं। वह कोचिंग पढ़ा कर परिवार का खर्च चलाते हैं। उनका बेटा 14 वर्षीय उत्कर्ष सिटी कान्वेंट स्कूल में कक्षा नौ का छात्र था। जन्माष्टमी के मौके पर सोमवार रात को शीतला प्रसाद पत्नी रमा, बेटे अंश के साथ इलाके में ही एक रिश्तेदार के घर गये थे। उत्कर्ष और उसकी दादी घर पर मौजूद थे।
उत्कर्ष ने होमवर्क की बात कहकर परिवार वालोंं के साथ जाने से मना कर दिया था। रात करीब 11 बजे जब उसकी दादी उसके कमरे में पहुंची तो मंजर देख सन्न रह गयीं। उत्कर्ष का शव कुण्डे में पर्द के सहारे लटक रहा था।
दादी कमला ने किसी तरह कैची से फंदा काटा और उत्कर्ष को नीचे उतारा। कमला ने फौरन सूचना शीतला को दी। खबर मिलते ही परिवार के लोग मौके पर पहुंच गये। वह लोग उसको इलाज के लिए पहले एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से उसको ट्रामा सेंटर लाया गया। ट्रामा सेंटर में डाक्टरों ने उत्कर्ष को देखते ही मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची चौक पुलिस ने छानबीन के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मोबाइल लेने पर खाना खाना तक छोड़ देता था
पिता शीतला प्रसाद के मुताबिक उत्कर्ष मोबाइल का आदी हो गया था। वह दो साल से मोबाइल का प्रयोग कर रहा था। उसके पास जियो कम्पनी का मोबाइल फोन था। मोबाइल के अलावा उत्कर्ष अक्सर कम्प्यूटर पर भी गेम खेला करता था। उत्कर्ष के मोबाइल की आदत से परेशान होकर कई बार परिवार वालों ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया था पर हमेशा वर जिद करके मोबाइल फोन ले लिया करता था। मोबाइल के चलते कई बार उत्कर्ष ने गुस्से में खाना छोड़ देता था। मोबाइल रिचार्च के लिए अक्सर उत्कर्ष बहाने से रुपये लेकर मोबाइल रिचार्ज कर लिया करता था। वहीं उत्कर्ष की मौत के बाद इस बात की चर्चा भी उठी कि वह मेमो गैम खेलता था। उसी गेम का चैलेज पूरा करने में उसकी जान चली गयी। वहीं सआदतगंज पुलिस ने इस बात से इनकार किया है।