आपने हमेशा सनस्क्रीन का इस्तेमाल के फायदे ही सुने होंगे. ज्यादातर लोगों ने सनस्क्रीन का इस्तेमाल हर मौसम में करने की सलाह देते हैं. लेकिन गर्मी में इसका इस्तेमाल करना बेहद जरूरी हो जाता है. सोशल साइट्स, इंटरनेट पर आपने सनस्क्रीन के लाभ के बारे में काफी कुछ सुना और पढ़ा होगा की कैसे ये स्किन को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाकर उसे टैन होने से बचाता है. इसके साथ ही ये स्किन रिंकल्स, पिगमेंटेंशन और अनइवन स्किन टोन से भी बचाव करता है. लेकिन बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि सनस्क्रीन के कुछ नुकसान भी हैं. अगर स्किन पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल सही तरह से ना किया जाए तो इससे स्किन को लाभ के साथ-साथ कुछ नुकसान भी झेलने पड़ते हैं. तो चलिए जानते हैं सनस्क्रीन से होने वाले नुकसानों के बारे में.
स्किन पर हो सकता है एलर्जिक रिएक्शन
सनस्क्रीन में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपकी त्वचा में एलर्जी पैदा कर सकते हैं. रेडनेस, खुजली, सूजन और चकत्ते इस बात के संकेत हैं, कि सनस्क्रीन आपकी स्किन पर एलर्जी कर रहे हैं. साथ ही यह आपकी त्वचा को संवेदनशील भी बना सकता है.
बचाव- जब भी आप सनस्क्रीन खरीदें तो उसके इंग्रीडिएंट्स को जरूर चेक करें. साथ ही आप हाइपोलेर्गेनिक लेबल वाले सनस्क्रीन की तलाश करें. इसके अलावा, आप 24 घंटे का एक पैच टेस्ट भी कर सकती हैं.
आंखों में जलन होना
सनस्क्रीन का उपयोग आपकी आंखों के आसपास के डेलिकेट एरिया में नहीं किया जाना चाहिए. अगर सनस्क्रीन आपकी आँखों में चला जाता है, तो यह आँखों में जलन पैदा कर सकता है और इससे आपको दर्द के साथ-साथ लाइट सेंसेटिविटी भी हो सकती है.
बचाव – फेस पर सनस्क्रीन लगाते समय अपनी आंखों के नीचे या आसपास सनस्क्रीन अप्लाई करने से बचें. अगर गलती से यह आपकी आंखों में चला जाता है, तो इसे तुरंत धो लें.
एक्ने की समस्या बढ़ना
अगर आपको एक्ने की समस्या है तो हो सकता है कि सनस्क्रीन लगाने के बाद आपकी स्किन प्रॉब्लम में कई गुना बढ़ोतरी हो जाए. खासतौर से, अगर आप ऑयल बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करती हैं तो ऐसे में यह समस्या बढ़ने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. सनस्क्रीन में मौजूद कुछ रसायन आपकी त्वचा को परेशान भी कर सकते हैं और एक्ने के अलावा रेडनेस, इरिटेशन और सूजन का कारण बन सकते हैं.
बचाव- आमतौर पर एक्ने की समस्या के पीछे का मुख्य कारण गलत सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना है. इसलिए इस समस्या से बचाव के लिए आप ऐसे सनस्क्रीन का उपयोग करें जो आपकी त्वचा के टाइप को सूट करता हो. नॉन-ग्रीसी और नॉन-कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए.
सेंसेटिव स्किन को हो सकती है परेशानी
वैसे तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल हर स्किन टाइप की महिला को करना चाहिए ताकि वह अपनी स्किन को सन प्रोटेक्ट कर सकें. लेकिन सेंसेटिव स्किन की महिलाओं को इससे परेशानी हो सकती है. सनस्क्रीन में मौजूद तत्व सेंसेटिव स्किन पर अक्सर हैवी और हार्मफुल हो सकते हैं. यह सूखापन, खुजली, सूजन और जलन पैदा कर सकता है.
बचाव– सनस्क्रीन खरीदने से पहले हमेशा पैच टेस्ट जरूर करें, खासकर अगर आपकी स्किन सेंसेटिव है तो यह स्टेप बेहद जरूरी हो जाता है. यदि सनस्क्रीन आपकी त्वचा को परेशान करता है, तो इसे तुरंत धो लें. इसके अलावा, स्किन प्रॉब्लम्स से बचने के लिए आप नॉन-कॉमेडोजेनिक इंग्रीडिएंट वाले सनस्क्रीन का विकल्प चुनें.
– कविता सक्सेना श्रीवास्तव