ये तस्वीर है समाज के पीछे छिपे असल चेहरे की जिसने मानवता को शर्मशार कर दिया। घटना उस वक्त की है जब निजामुद्दीन सुपरफास्ट ट्रेन मानिकपुर प्लेटफार्म पहुंची।
ट्रेन रुकते ही आधा दर्जन युवक दिव्यांग कोच में घुसे और बोगी में चीख पुकार मच गई। मदद को आसपास कोई नहीं नजर आया। ट्रेन बेधड़क चलती रही और दबंग ट्रेन में सवार दिव्यांगों पर कहक बरपाते रहे।
मानिकपुर-हजरत निजामुद्दीन सुपरफास्ट यूपी संपर्क क्रांति बुधवार को शाम लगभग सात बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर आई। ट्रेन के रुकते ही आधा दर्जन युवक ट्रेन की दिव्यांग कोच पर सवार हो गए। महिलाओं ने इसका विरोध किया तो युवकों ने मारपीट शुरू कर दी। दिव्यांग महिला रूपा देवी (मानिकपुर) और उसकी बड़ी बहन सदाप्यारी समेत पुत्र अखिलेश व कय्यूम खां और दिलशाद की लात-घूंसों से जमकर धुनाई की। बोगी में चीख-पुकार मच गई।
मारपीट और हंगामें की खबर जीआरपी जवानों को नहीं लगी। हंगामे की खबर पाकर आरपीएफ के दो जवान आ गए। उन्हें देखते ही तीन युवक प्लेटफार्म नंबर दो की ओर भाग निकले। जवानों ने तीन युवकों को दबोच लिया और जीआरपी पुलिस के हवाले कर दिया।
जीआरपी थाने के मुंशी राघवेंद्र कुमार ने घटना से अनभिज्ञता जताई। बताया कि थानाध्यक्ष बीएल प्रजापति सरकारी से बाहर गए हैं। उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी है। मारपीट की कोई रिपोर्ट भी नहीं दर्ज है। पकड़े गए युवक कहां गए ? इस बारे में साहब बता सकेंगे।
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