नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के कसौली में होटल और रिसॉर्ट मालिकों द्वारा अतिक्रमण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के सरकारी वकील की जमकर क्लास ली और कहा कि वह सरकार का चम्मच न बनें।

दरअसलए हिमाचल सरकार की ओर से पेश वकील अभिनव मुखर्जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक गुप्ता की पत्नी ने इसी तरह की जनहित याचिका हिमाचल प्रदेश की हाईकोर्ट में डाल रखी है, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट को इस मसले पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए। इस पर जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने उनसे कहा कि निहित स्वार्थ के लिए आप प्रवक्ता न बनें।
आप वकील होने के साथ.साथ कोर्ट के ऑफिसर भी हैं। आप राज्य सरकार का चम्मच न बनें। जस्टिस गुप्ता भी इस पीठ का हिस्सा हैं। वकील की आपत्ति पर पीठ ने कहा कि क्या आपने वह जनहित याचिका पढ़ी है।
वह जनहित याचिका वन भूमि पर अतिक्रमण से जुड़ी है। इसके बाद पीठ ने राज्य सरकार को कसौली में होटल व रिसॉर्ट मालिकों द्वारा किए गए अतिक्रमण को ढहाने से संबंधित निर्देशों पर दो महीने में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। मालूम हो कि अतिक्रमण ढहाने के आदेश का पालन करनी पहुंची टीम की एक महिला अधिकारी की एक होटल मालिक ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।(Input- Amar Ujala)
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