समाजवादी पार्टी नेता आज़म खान की याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक मामले में जमानत मिली तो नया केस दर्ज हो गया. ऐसा क्यों चल रहा है. एक के बाद एक 89 केस दर्ज किए गए हैं. वहीं यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह एक गलत धारणा है. हम इस पर हलफनामा दाखिल करेंगे. कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए सुनवाई 17 मई के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले 6 मई को जमीन कब्जाने के मामले में आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए इसे ‘न्याय के साथ मजाक’ बताया था. जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बी. आर. गवई की बेंच ने कहा कि खान को 87 में से 86 मामलों में जमानत मिल चुकी है और वह 11 मई को इस मामले पर सुनवाई करेगी. बेंच ने कहा, “उन्हें (खान) एक मामले को छोड़कर सभी मामलों में काफी पहले जमानत मिल चुकी है. यह न्याय के साथ मजाक है. हम और कुछ नहीं कहेंगे. इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि हम बुधवार को सुनवाई करेंगे. इसके बाद आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आजम खान को एक मामले में जमानत मिली तो नया केस दर्ज हो गया. ऐसा क्यों चल रहा है. एक के बाद एक 89 केस दर्ज किए गए हैं.
दूसरी ओर, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में आजम खान को मंगलवार को अंतरिम जमानत दे दी थी. आजम खान ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए यह संपत्ति हड़पी थी. अदालत ने रामपुर के जिलाधिकारी को 30 जून, 2022 तक जौहर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित शत्रु संपत्ति का कब्जा लेने और एक चहारदीवारी खड़ी करने का निर्देश दिया. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने अपने निर्देश में कहा कि जमीन का कब्जा लेने की कवायद जिलाधिकारी रामपुर की संतुष्टि के मुताबिक पूरा होने पर आजम खान की अंतरिम जमानत, नियमित जमानत में तब्दील हो जाएगी.
बता दें कि 13.842 हेक्टेयर की विवादित जमीन इमामुद्दीन कुरैशी नाम के शख्स की थी जो देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चला गया और उसने भारत की नागरिकता छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता ले ली थी.