निगरानी पोत विग्रह को भारतीय तटरक्षक बल में किया गया शामिल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज तमिलनाडु के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनियाभर में हो रहे बदलाव हमारे लिए चिंता का विषय है। इस उथल-पुथल के समय हमें अपने पहरेदारों को मजबूत रखना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि, ये चुनौतीपूर्ण समय हमें एक अवसर भी प्रदान करता है, जिसका हमें लाभ उठाना चाहिए। राजनाथ ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा, सीमा विवाद और समुद्री प्रभुत्व के कारण दुनियाभर के देश अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण और मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

चेन्नई में निगरानी पोत विग्रह को भारतीय तटरक्षक बल में शामिल किया गया

बता दें कि आज तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में निगरानी पोत विग्रह को भारतीय तटरक्षक बल में शामिल किया गया है। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल एम.एम.नरवणे भी मौजूद रहे।

2008 मुंबई हमले के बाद से समुद्री मार्ग से नहीं हुई कोई आतंकी दुर्घटना

इस मौके पर मंत्री ने कहा कि सुरक्षा क्षमताओं में वृद्धि का परिणाम है कि 2008 के मुंबई हमले के बाद से समुद्री मार्ग से कोई आतंकवादी दुर्घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस पोत की कमीशनिंग हमारी तटीय रक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में हमारी लगातार बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चेन्नई में कहा कि हमारा देश इन घटनाओं से अछूता नहीं रह सकता। यह हमारे जैसे देश पर अधिक लागू होता है। एक ऐसा देश होने के नाते जिसका हित सीधे हिंद महासागर से जुड़ा हुआ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि रिपोर्टस् बताती हैं कि अगले 1-2 साल में यानी 2023 तक दुनियाभर में सुरक्षा पर 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डालर तक खर्च पहुंच सकता है।

 

हालांकि, अधिकांश देशों के पास पूरे वर्ष के लिए इस स्तर का बजट भी नहीं है और अगले 5 वर्षों में इसके कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। मंत्री ने आगे कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। आर्थिक, राजनीतिक और व्यापार संबंध में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। दूसरे देशों से आने वाली अगली खबरों के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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