क्या आप भी होटल या रेस्टोरेंट में जब जाते हैं तो बिल आने पर टोटल देखकर ही उसे अदा कर देते हैं। अगर ऐसा कर रहे हैं तो यह आपके जेब पर अधिक भार डाल रहा है। क्योंकि पिछले दिनों सरकार की ओर से भी यह कहा गया है कि सर्विस टैक्स देने के लिए ग्राहक बाध्य नहीं हैं, वे इसे अपने मन से दे सकते हैं। हाल ही में एक सर्वे में भी यह बात सामने आई है कि लोग सर्विस टैक्स देने में बिल्कुल भी नहीं हिचकते हैं। आइए जानते हैं।
काफी लोग देते हैं सर्विस टैक्स
जानकारी के मुताबिक, जो लोग भी रेस्टोरेंट या फिर होटल में खाने के लिए जाते हैं तो वहां लोग खाने पीने और मस्ती करने के साथ असली चीज भूल जाते हैं। अपने अधिकार और फिजूल खर्च। अगर थोड़ा सा जागरूक हों तो आपका बिल कम हो सकता है। लोकल सर्किल की ओर से पिछले दिनों एक सर्वे आया कि 30 दिन के अंदर करीब 60 फीसद लोग ऐसे हैं जो सर्विस टैक्स दे चुके हैं। यानी लोगों को परवाह ही नहीं है कि वे सर्विस टैक्स न भी दें तो भी काम चल जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब जिन्होंने सर्विस टैक्स दिया है वे चाहते हैं कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण मामले में संज्ञान ले।
कुछ और भी हैं जागरूक
ऐसा नहीं है कि सर्वे में 60 फीसद लोग जो सर्विस टैक्स चुका चुके हैं उनके अलावा जागरूक लोगों की कमी हो। दरअसल सर्वे में पता चला कि एक महीने में एसी रेस्टोरेंट में जाने वाले कई उपोभोक्ताओं में नौ फीसद ऐसे हैं जिनके बिल में सर्विस टैक्स लगाया गया और उन्होंने इसे हटाने के लिए कहा। साथ ही 20 फीसद लोग ऐसे रहे जिनके बिल में कोई सर्विस टैक्स नहीं लगाया गया था। साथ ही 11 फीसद लोगों ने कुछ बोला ही नहीं। यह सर्वे भारत में 296 जिलों में किया गया था, जिसमें 23000 हजार लोगों से बातचीत की गई थी। इसेमं 64 फीसद पुरुषों ने और 36 फीसद महिलाओं ने भाग लिया था। इसमें टियर एक से लेकर टियर 4 तक के शहर और ग्रामीण जिलों को शामिल किया गया। सरकार इस मामले में कहती है कि यह पूरी तरह वैकल्पिक है। जो लोग देना चाहते हैं वे दें और जो नहीं देना चाहते वह न दें।
GB Singh