सप्ताह के सातों दिन किसी ना किसी वजह से महत्वपूर्ण होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इनका अपना अलग से स्थान होता है और हर दिन का फल भी अलग ही मिलता है। आज हम बात करेंगे रविवार की। रविवार को भगवान सूर्य का ध्यान रखा जाता है और इस दिन भगवान सूर्य की पूजा अर्चना करने का विधान है।
बहुत कम लोग ही जानते हैं कि सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से और उन्हें जल अर्पित करने से उसके अचूक फलों की प्राप्ति भी हमें मिलती है।
अगर आपने भगवान सूर्य का ध्यान सच्चे मन से और पूरी श्रद्धा के साथ किया है तो सूर्य देव आपसे हमेशा प्रसन्न रहेंगे। इसके साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य देने से आपके अंदर का तपोबल जागृत होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य देव को जल अर्पित करने से आपके मानसिक संतुलन की स्थितियां की जाती है और आपका मानसिक संतुलन हमेशा स्थिर रहता है।
रविवार के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही उनकी आरती भी की जाती है और उनकी चालीसा का पाठ भी किया जाता है ऐसा करने से सूर्य देव अति प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति की मनोकामना शीघ्र पूरी हो जाती है।
शारीरिक कष्टों को करते हैं दूर
सूर्य देव की आराधना करने से आपके शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं। आप अचरज में बढ़ेंगे की सूर्य देव की पूजा अर्चना और उन्हें अर्घ्य देने से शारीरिक कष्टों का निवारण कैसे हो सकता है। तो हम आपको बता दें कि अगर आप नित्य दिन सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं तो आपके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और तो और अगर आप सूर्य देव के सामने सुबह नमस्कार करते हैं तो आपके अंदर विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा आपके शरीर में पहुंचती है जिससे आपकी हड्डियां मेरुदंड मजबूत होता है। आप ओजस्वी और तेजस्वी होते हैं।
क्या आपको यह दोहा याद है
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कई सारे उपाय किए जाते हैं ऐसे मे उनके लिए कहा गया एक दोहा भी प्रचलित है।
कनक बदन कुंडल मकर, मुक्ता माला अंग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के संग।।
सुखदेव का प्रश्न करने के लिए और भी कई सारे उपाय किए जाते हैं। सूर्य की किरने हमारे सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती हैं। चिकित्सक भी हमें सूर्य की किरणों के सामने बैठने की सलाह देते हैं और सूर्य नमस्कार नितदिन करने का भी सुझाव देते हैं।
—-वंदना