जियो के आने के बाद टेलीकॉम सेक्टर में मचे तूफान के बीच भारती एयरटेल स्ट्रगल कर रहे टाटा टेलीसर्विस का अधिग्रहण कर सकती है. लंदन बेस्ड ग्लोबल मोबाइल एंड वायरलेस मार्केट इंफॉर्मेशन एंड इंटेलीजेंस प्रोवाइडर CSS इनसाइट की हालिया रिपोर्ट में ये बात कही गई है. बताया गया है कि आने वाले तीन सालों में टेलीकॉम सेक्टर चार ऑपरेटरों के बीच सिमट कर रह जाएगी.
‘हेलसियोन डेज अहेड इन अ फोर-ऑपरेटर मार्केट’ नाम की प्रकाशित रिपोर्ट जो 57 टेलीकॉम और M&A इंफ्लूएंसर के साथ सर्वे के बाद प्रकाशित की गई इसमें ये भी जिक्र किया गया है कि टाटा टेली का मर्जर BSNL के साथ भी हो सकता है. बता दें, टाटा डोकोमो टाटा टेलीसर्विस का ही अंग है.
सर्वे में शामिल 68% एक्सपर्ट्स जिसमें बैंकर, लॉयर्स और टेलीकॉम एक्सिक्यूटिव भी शामिल थे, उनका मानना है कि 2020 तक मार्केट में चार ऑपरेटर ही रह जाएंगे. इससे हर तीन कंपनी के पास 300 मिलियन सब्सक्राइबर रह जाएंगे और राज्य सरकार द्वारा संचालित एक ऑपरेटर के पास 100 मिलियन सब्सक्राइबर रहेंगे. CSS की परिकल्पना के मुताबिक, रिलायंस जियो और रिलायंस कम्यूनिकेशन का भी विलय संभव है.
रिपोर्ट का मानना है कि एयरटेल हाल के महीनों में आइडिया और वोडाफोन के मर्जर के बाद से ये कदम उठा सकता है. लेकिन को विश्लेष्कों का मानना है कि, एयरटेल के लिए टाटा का अधिग्रहण बिजनेस मायनों में उचित कदम नहीं होगा. हालांकि एयरटेल अगर रेवेन्यू मार्केट शेयर में लीडरशिप मेनटेन करना चाहे तब ही टाटा के साथ डील को उचित ठहराया जा सकता है.
एक अज्ञात, टॉप इंडस्ट्री विश्लेषक का कहना है, वोडाफोन और आइडिया के मर्जर के बाद से एयरटेल की लीडरशिप जाने का खतरा है. इसलिए सुनील मित्तल इससे मुकाबले में आकर्षक कीमत पेश कर सकते हैं. टाटा टेली का कुल राजस्व 9,500 करोड़ रुपये के करीब है लेकिन इसके सब्सक्राइबर्स और राजस्व में लगातार गिरावट आ रही है. CSS सर्वे में शामिल करीब आधे लोगों ने कहा कि टाटा टेली का विलय भारती एटरटेल के साथ संभव है, 22% का मानना है कि ये BSNL के साथ विलय करेगी, वहीं 32% ये भी कहते हैं कि टाटा टेली का मर्जर किसी और नेटवर्क ऑपरेटर के साथ हो सकता है.