Tata Capital IPO में निवेश बनाएगा मालामाल या साबित होगा घाटे का सौदा

प्राइमरी मार्केट में जल्द एक बड़े आईपीओ की एंट्री होने जा रही है। टाटा कैपिटल आईपीओ का सभी निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। 6 अक्टूबर को उनका ये इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। अगर आप भी इस आईपीओ को लेकर उलझन में है, तो चलिए हमारे एक्सपर्ट अरुण केजरीवाल से समझते हैं कि इसमें पैसा लगाना चाहिए या नहीं। लेकिन इससे पहले आईपीओ के बारे में बेसिक डिटेल्स देख लेते हैं।

Tata Capital IPO बेसिक जानकारी
पब्लिक इश्यू- 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर
प्राइस बैंड- 310 रुपये से 326 रुपये
इश्यू साइज- 15,512 करोड़ रुपये
फ्रेश इश्यू- 21 करोड़ शेयर (कीमत 6846 करोड़ रुपये)
ऑफर फोर सेल- 26.58 करोड़ शेयर (कीमत 8665 करोड़ रुपये)
अब जानते हैं कि इस आईपओ को लेकर एक्सपर्ट अरुण केजरीवाल क्या कह रहे हैं?

अरुण केजरीवाल ने क्या कहा
अनलिस्टेड मार्केट में चल रही कीमत से कम क्यों रखा गया प्राइस बैंड?
सबसे पहले उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत में अनलिस्टेड मार्केट टाटा कैपिटल के आईपीओ का भाव 1100 रुपये प्रति शेयर के बीच में चल रहा था। इसके साथ ही इसने करीब 700 रुपये प्रति शेयर के आसपास का लो रिकॉर्ड बनाया था। अगर आप उस प्राइस को देखकर मौजूदा प्राइस बैंड को देखें तो आपको निराशा होगी।

उस समय जो अनलिस्टेड मार्केट में टाटा कैपिटल के आईपीओ का प्राइस चल रहा था, वे सही नहीं था। लेकिन अब जो प्राइस बैंड दिया गया है वे काफी प्राइस डिस्कवरी और साइंटिफिक तरीके से डिमांड को देखकर रखा गया है। हालांकि लोगों के मन में ये सवाल जरूर रहेगा कि अनलिस्टेड मार्केट में 700 से 800 रुपये में चल रहा भाव या 310 रुपए और 326 रुपये वाला प्राइस बैंड आईपीओ के लिए कौन-सी कीमत सही है?

शेयर होल्डर्स का पैटर्न क्या है?
अरुण केजरीवाल ने बताया कि टाटा ग्रुप के शेयर होल्डिंग पैटर्न में आपको ये चीज देखने को मिलेगी कि उसमें रिटेल शेयर होल्डर्स की संख्या में मात्रा काफी बड़ी होती है। उनकी होल्डिंग हमेशा कम रहेगी, लेकिन शेयर होल्डर की गिनती में उनकी एक बहुत बड़ी मात्रा है।

मार्केट कैप कितना हो सकता है?
अरुण केजरीवाल का कहना है कि जहां तक मार्केट कैप का सवाल है, तो ये एनबीएफसी के तीसरे नंबर पर आ सकती है।

टाटा कैपिटल क्या क्या करती है?
यह फाइनेंस बिजनेस के कई वर्टिकल्स में है। जैसे हाउसिंग फाइनेंस, कंज्यूमर लोन, रिटेल फाइनेंसिंग, एसएमई लोन. इंडस्ट्री लोन (बड़े कॉरपोरेट लोन) इत्यादि बोलते हैं।

लिस्टिंग के बाद क्या होगा?
3 और 6 महीने के बाद जब सभी शेयर्स लॉक इन में से निकल जाएंगे, तो इसमें एक दबाव देखने को मिल सकता है। क्योंकि जिन्होंने इस आईपीओ में प्री अप्लाई किया है, उन निवेशकों ने इसके 700 रुपये, 750 रुपये, 1000रुपये, 1100 रुपये सभी भाव देखे हैं।

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