कहते हैं की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। ये कहावत भारत के एथलीट तेजिंदर पाल सिंह ने सच साबित करके दिखा दी है। तेजिंदर ने अपनी हिम्मत, मेहनत और लगन की एक मिसाल पेश की है। बता दें कि तेजिंदर पाल सिंह शॉटपुट के खिलाड़ी हैं और अभी हाल ही में ओलंपिक के लिए उन्होंने क्वालीफाई भी किया है। जो नहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि शॉटपुट खेल में खिलाड़ी लोहे की भारी गेंद को दूर फेंकने का प्रयास करते हैं। तेजिंदर भी इंटरनेशनल लेवल पर इस खेल को भारत की तरफ से रीप्रजेंट करते हैं। तेजिंदर की ओलंपिक में पहुंचने का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा है। ओलंपिक में देश को रीप्रजेंट करने के लिए तेजिंदर ने जो लगन और हिम्मत की मिसाल पेश की है वो देखते ही बनती है। अबसे अगर 8 महीने पहले की बात की जाए तो शायद ही किसी ने सोचा होगा की तेजिंदर ओलंपिक में जाना तो दूर फिर से इस खेल को खेल भी न पाते। तो चलिए जानते हैं आखिर ऐसा उनके साथ क्या हुआ था।
प्रैक्टिस के दौरान हुआ था हादसा
मोगा डिस्ट्रिक्ट पंजाब के रहने वाले वाले तेजिंदर हाल में एक बड़े हादसे का शिकार हो गए थे। बता दें कि अक्टूबर में ओलंपिक की तैयारी के दौरान ही गोला फेंकने के दौरान वो चोटिल हो गए थे। वो गोला हाथ से रिलीज करने ही वाले थे वो गोला हाथ से फिसल जाने के कारण वे चोटिल हो गए थे। एक्सरे में उनकी हथेली के बाएं हिस्से में फ्रैक्चर होने की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा उनके घुटने में भी चोट आई थी। जिस वजह से उनकी कई महीनों तक प्रैक्टिस भी बंद हो गई थी। किसी भी खिलाड़ी के लिए ये वक़्त काफी मुश्किलों भरा होता है वो भी तब जब आपका ओलंपिक का सपना सिर्फ एक सपना ही लगने लगे। इन सब के बावजूद तेजिंदर ने हिम्मत नहीं हारी और जनवरी के अंत तक वापस मैदान में अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी।
राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ ओलंपिक के लिए किया क्वालीफाई
तेजिंदर ने हाल ही में हुई इंडियन ग्रां प्री-4 में राष्ट्रिय रिकॉर्ड को तोड़ कर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया हैं। उन्होंने अपने पहले अटेम्प में ही 21.49 की दूरी तय करने के साथ ओलंपिक में क्वालीफाई किया हैं। बता दें कि तेजिंदर ने 2018 में हुए जकार्ता एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया था। इसके अलावा दोहा में हुई एशियाई चैंपियनशिप में भी तेजिंदर ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। देश को तेजिंदर से इसी प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद ओलंपिक खेलो में भी रहेगी। तेजिंदर के कोच मोहिंदर सिंह ढिल्लों भी तेजिंदर सिंह पाल के बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे हैं। जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के अलावा तेजिंदर सिंह के ऊपर भी देश को उसका पहला एथेलिटिक मेडल दिलाने की जिम्मेदारी होगी।
ऋषभ वर्मा