नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस से चंद रोज पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी। दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्य और मोस्टवांटेड आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि कुरैशी को भारत का बिन लादेन भी कहते हैं। अब पकड़े गये सुभान से यूपी एटीएस की टीम भी पूछताछ करेगी।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले प्रेस वार्ता करके बताया कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि कुरैशी अपने एक पुराने सहयोगी से मिलने दिल्ली आएगा। सूचना पाकर शनिवार रात जब पुलिस की स्पेशल टीम दिल्ली के गाजीपुर पहुंची तो एक छोटी सी मुठभेड़ के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि सुभान कुरैशी ही गुजरात के अहमदाबाद में 2008 में हुए बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है। यही नहीं उसके कुछ समय बाद सूरत में जीवित मिले बम को बिछाने का भी मास्टरमाइंड तौकीर ही था। हालांकि पुलिस ने यह साफ कर दिया कि कुरैशी दिल्ली में किसी वारदात को अंजाम देने नहीं बल्कि किसी से मिलने आया था। इसके बावजदू भारत का बिन लादेन कहे जाने वाले इस शख्स की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है।
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने पत्रकारों को बताया कि एनआईए ने कुरैशी पर 4 लाख का इनाम रखा था। इसके साथ ही पुलिस ने ये भी बताया कि इसका बेस यूपी, महाराष्ट, गुजरात और कर्नाटक में है। ये सिमी और इंडियन मुजाहिदीन को भारत में पुनर्जीवित करने की कोशिश में लगा हुआ था।
पुलिस ने बताया कि कुरैशी केरल, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में चलने वाले सिमी के कैंप का आयोजक और प्रमुख था। सिमी के इन कैम्पों में ट्रेनिंग लेने वाले काडरों को आम्र्स ट्रेनिंगए भारत के खिलाफ जिहाद की ट्रेनिंग, ट्रैकिंग, शारिरीक ट्रेनिंग, अपने प्लान को अंजाम देते वक्त अगर कोई मर जाए तो क्या करना है और अगर पकड़े जाएं तो पूछताछ करने वालों को कैसे गुमराह करना है इसकी भी ट्रेनिंग दी जाती थी।
पुलिस ने बताया कि इंदौर से जब कुरैशी के साथियों की धर पकड़ शुरू हुई तो ये गुजरात भाग गया था। फिर वहां पुणे भी गया जहां ये रियास भटकल और इकबाल भटकल से मिला।
इसके बाद यह रूसोल बॉर्डर से नेपाल भाग गया जहां कई साल तक नकली दस्तावेज बनवाकर रहा। नेपाल से 2013 में यह साऊदी अरब भी गया। पुलिस ने बताया कि कुरैशी की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से हुई है। वह एक बड़ी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी रह चुका है।