अफगानिस्तान की राजधानी में एक गुरुद्वारे के अंदर इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग की है, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई है। दो लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। इसके अलावा 7 से 8 लोग अब भी फंसे हुए हैं। यह गोलीबारी काबुल के कार्त-ए-परवान गुरुद्वारे में हुई है। सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और फंसे हुए आतंकियों से मुठभेड़ जारी है।
भाजपा से निलंबित नेता की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के बाद इस तरह के हमले की चेतावनी दी गई थी। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े इस्लामिक स्टेट्स खुरासान प्रांत की मीडिया विंग ने एक वीडियो जारी करके धमकी दी थी। इसने कहा कि 2020 के गुरुद्वारा हमले को दोहराया जाएगा। वीडियो में भारतीय समाचार टेलीविजन चैनल के साथ रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब के इंटरव्यू और अफगानिस्तान में भारतीय प्रभारी के साथ वित्त मंत्री अमीर मुत्ताकी की बैठक को लेकर भी तालिबान की आलोचना की गई।
‘पूरे इलाके में दहशत का माहौल’
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हमने स्थानीय समयानुसार सुबह करीब छह बजे कार्ते परवान इलाके में विस्फोट की आवाज सुनी। पहले विस्फोट के लगभग आधे घंटे के बाद दूसरा विस्फोट हुआ। विस्फोट के कारण आसमान में धुएं का गुबार फैल गया। हमले के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
2020 में गुरुद्वारा हमले में 27 सिख मारे गए
अगस्त 2021 में तालिबान की ओर से काबुल पर नियंत्रण करने के बाद से सिख समुदाय आतंकी संगठनों के हमलों के प्रति संवेदनशील हो गया है। भारत ने कार्त-ए-परवान सिखों को निकालने के लिए समर्थन की पेशकश की थी और वर्तमान में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। मार्च 2020 में काबुल के शॉर्ट बाजार इलाके में श्री गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारे में इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के घातक हमले में 27 सिख मारे गए और कई घायल हो गए थे।
समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित देश में सिर्फ 140 सिख रह गए हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं।