आरएसएस की देशभर में लगभग 60 हजार शाखाएं हैं। आरएसएस के मुख्यालय नागपुर में नए सरकार्यवाह या महासचिव का चुनाव होना है। इसके लिए देशभर से आए स्वंयसेवक सप्ताह के आखिर में मिलेंगे। इसका चुनाव होना बहुत जरूरी होता है क्योंकि संघ में सरकार्यवाह पर बड़ी जिम्मेदारी होती है। इनकी नजर दिन प्रतिदिन होने वाले कार्यक्रमों पर रहती है। यह पद आरएसएस के टॉप मैनेजमैंट का हिस्सा होता है जोकि संगठन में सलाहकार की भूमिका निभाता हैं।
ऐसे होता है सरकार्यवाह का चयन
सरकार्यवाह के चयन के लिए अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की 9 मार्च से 11 मार्च तक मीटिंग चल रही है। यह आरएसएस में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली बॉडी होती है। इसकी मीटिंग हर साल मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में होती है। यह मीटिंग महीने के दूसरे और तीसरे रविवार को होती है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में 1300 सदस्य होते हैं। इनमें एक बड़ा हिस्सा अखिल भारतीय प्रतिनिधि का भी होता है। जो सक्रिय स्वयंसेवकों का है। इसमें शामिल करीब 50 सक्रिय स्वयंसेवकों का प्रतिनिधित्व एक प्रान्त प्रतिनिधि (राज्य प्रतिनिधि) द्वारा किया जाता है। प्रत्येक अखिल भारतीय प्रतिनिधि 20 राज्य प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करता है।