मोटा होना हमारे समाज में अभिशाप माना जाता है। अगर कोई मोटा है, तो उसे खुराक कम करने की हिदायत दी जाती है। शादी में दिक्कत न आए, इसलिए कसरत कर वजन घटाने के तरीके बताए जाते हैं। लेकिन हमारे बीच एक दुनिया ऐसी भी है, जहां मोटा होना खूबसूरत, अच्छा और गर्व की बात मानी जाती है।

दक्षिण पश्चिमी इथोपिया की ओमो वैली (Omo Valley) में एक जनजाति रहती है। इन्हें बोदी (Bodi) जनजाति के रूप में जाना जाता है। यहां जो सबसे मोटा शख्स होता है, उसके साथ जिंदगी भर हीरो जैसा सलूक किया जाता है। बिरादरी में सबसे मोटा शख्स खोजने के लिए हर साल एक खास समारोह भी होता है। इसके लिए ये लोग छह महीने तक गाय के दूध और रक्त का मिश्रण पीते हैं।
फिर से आई लालू पर बड़ी मुसीबत, IT विभाग ने भेजा नोटिस, पूछा- महारैली का पैसा कहां से आया
फ्रांस मूल के फोटोग्राफर एरिक लाफॉर्ग ( Eric Lafforgue) बीते दिनों इन लोगों से मिल कर आए हैं। उन्होंने वहां इस जनजाति के लोगों के साथ कुछ वक्त बिताया और उनके तौर-तरीकों को अपने कैमरे में कैद किया। वह बताते हैं कि इथोपियाई सरकार इनकी जमीन पर देश भर के लगभग तीन लाख लोगों को यहां पुर्नस्थापित करना चाहती थी। ऐसे में बोदियों और उनकी परंपरा के लिए संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
हर साल जून महीने में ये लोग काएल नाम का समारोह मनाते हैं। इसमें बिरादरी से सबसे मोटा शख्स तलाशा जाता है, जिसके लिए समारोह के छह महीने पहले प्रतियोगिता शुरू होती है। हर परिवार से एक अविवाहित मर्द को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति होती है। अगर वह इसके लिए चुना जाता है, तो उसे छह महीने तक घर से दूर एकांत में रहना पड़ता है। यहां तक कि उस समय के लिए उसे सेक्स से भी दूरी बना कर रखनी होती है।
चूंकि मर्दों को इस वजन बढ़ाना होता है, इसलिए उन्हें गाय का दूध और रक्त का मिश्रण ही खाने के रूप में मिलता है। यह उनके परिवार की महिलाएं गांव से लाकर देती हैं। लॉफर्ग के मुताबिक, यह जनजाति गाय को पवित्र मानती है, इसलिए यह उनका वध नहीं करती। ये भाले या कुल्हाड़ी से गाय की नस में छेदकर रक्त निकालते हैं।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features