डलमऊ-लालगंज रेल खंड मार्ग में नाथखेडा गांव के समीप शनिवार की दोपहर रेल पटरी की मरम्मत के दौरान अचानक पायलट ट्रेन आ गई। ट्रैक पर काम कर रहे श्रमिक घबराकर दूर भागे, लेकिन हादसे में एक मजदूर की जान चली गई। रेल पथ निरीक्षक पूरे प्रकरण में काम कराने वाले ठेकेदार का बचाव करते नजर आए। उक्त रेलखंड पर मरम्मत का कार्य कराए जाने की सूचना डलमऊ रेलवे स्टेशन के अफसरों को नहीं दी गई। गैर प्रांत का ठेकेदार मजदूरों से ट्रैक की मरम्मत करा रहा था। उसने रेलवे के अधिकारियों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी और इसी कारण इस रेलमार्ग पर आवागमन बहाल रहा। दोपहर करीब एक बजे लालगंज की ओर से रेलवे विद्युतीकरण पायलट ट्रेन डलमऊ की ओर निकली। ट्रेन का इंजन देख श्रमिक रेलवे ट्रैक से भागे। काम करते वक्त उनका साबड़ पटरी के बीच फंस गया। ट्रेन जैसे ही करीब आई, पटरी से साबड़ निकलकर पास खड़े श्रमिक अनिल के सिर पर लग गया। उसे आनन-फानन सीएचसी ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक मध्य प्रदेश के बक्सी, थाना किंदरइया का रहने वाला था।
हेलमेट दिए न सुरक्षा उपकरण: पटरी मरम्मत का कार्य करा रहे ठेकेदार ने श्रमिकों को सुरक्षा के उपकरण भी मुहैया नहीं कराए थे। मजदूर चामूलाल, पदम मरावी, कृपाल सिंह आदि ने बताया कि हम लोगों को हेलमेट तक नहीं दिया गया। बिना विभाग के सूचना दिए, हम लोगों से काम कराया जा रहा था। रेल लाइन पर लाल झंडी भी नहीं लगाई गई। इस कारण अचानक ट्रेन आ गई, हम लोग बच गए, लेकिन हमारा एक साथी उसकी चपेट में आ गया।
अफसरों के अलग-अलग बयान: रेल पथ निरीक्षक टीस राम का कहना है कि रेलवे लाइन पर काम चल रहा था, श्रमिक की मौत उसकी खुद की लापरवाही से हुई है। स्टेशन मास्टर सुखदेव वर्मा ने बताया कि रेल लाइन पर कार्य चलने की उन्हें सूचना नहीं दी गई, इसी कारण इस ट्रैक पर आवागमन बहाल रखा गया था। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
कोतवाल डलमऊ बृजमोहन ने कहा कि रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे श्रमिक की मौत का मामला प्रकाश में आया है। तहरीर मिलने पर केस दर्ज करके आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।