घरेलू शेयर बाजार में सोमवार से शुरू हो रहे कारोबारी सत्र में बढ़त का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, बहुत ऊंचे मूल्यांकन की वजह से थोड़ी मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। घरेलू शेयर बाजार गणेश चतुर्थी के मौके पर शुक्रवार (10 सितंबर) को बंद रहेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले कारोबारी सप्ताह में किसी तरह का बड़ा घरेलू इवेंट नहीं होने की वजह से शेयर बाजार (Sensex, Nifty) में ट्रेडिंग मुख्य रूप से ग्लोबल ट्रेंड्स के आधार पर होगी। सरकार द्वारा औद्योगिक उत्पादन से जुड़े आंकड़े शुक्रवार को जारी किए जाएंगे लेकिन इस दिन बाजार बंद रहेंगे।
पिछले सप्ताह 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख घरेलू सूचकांक Sensex पर 2,005.23 अंक यानी 3.57 फीसद का उछाल देखने को मिला था। इसकी बदौलत घरेलू शेयर बाजारों ने पहली बार शुक्रवार को 58,000 अंक के स्तर को पार किया था और 58,129.95 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ था।
Sensex ने महज तीन सत्र में 57,000 अंक से 58,000 अंक के स्तर को छू लिया। BSE Benchmark में पिछले महीने नौ फीसद से ज्यादा का उछाल देखने को मिला।
इस साल अब तक सेंसेक्स में 10,378.62 अंक यानी 21.73 फीसद का उछाल देखने को मिल चुका है।
मोतीलाल ओसवाल सर्विसेज लिमिटेड में प्रमुख (रिटेल रिसर्च, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रिब्यूशन) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ”आने वाले समय में मार्केट में सकारात्मक रुख जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि इकोनॉमिक रिकवरी और वैक्सीनेशन की तेज रफ्तार से इसे सपोर्ट मिलेगा। लिक्विडिटी की मजबूत स्थिति और सकारात्मक वैश्विक संकेतों की बदौलत घरेलू शेयर बाजार लगातार नए रिकॉर्ड स्थापित करना जारी रख सकते हैं।”
उन्होंने कहा, ”हालांकि, वैल्यूएशन भी एक कम्फर्ट जोन के बाहर जा रहा है और इससे मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।”
स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के प्रमुख (शोध) संतोष मीणा ने बताया, ”अगला कारोबारी सप्ताह छोटा रहने वाला है क्योंकि बाजार गणेश चतुर्थी के मौके पर शुक्रवार को बंद रहेंगे।”
सैमको सिक्योरिटीज रिसर्च ने एक नोट में कहा है, ”घरेलू तौर पर मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन जैसे आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजार के निवेशकों को प्रभावित कर सकते हैं। घरेलू स्तर पर किसी तरह का बड़ा इवेंट नहीं होने की वजह से घरेलू शेयर बाजारों में वैश्विक संकेतों के हिसाब से ट्रेडिंग हो सकती है।”
मार्केट रुपये के मूल्य एवं ब्रेंट क्रूड के भाव में उतार-चढ़ाव के साथ विदेशी संस्थागत निवेश के आधार पर भी रिएक्ट करेगा।