विदेश मंत्री वी मुरलीधरन ने बुधवार को तपेदिक (Tuberculosis, TB) के इलाज के लिए दवाइयों की एक खेप जिम्बाब्वे को सौंप दिया है। इस खेप में दवाईयों के 288 बक्से हैं। यह खेप यहां के स्वास्थ्य व परिवार वेलफेयर के डिप्टी जान मांगवाइरो (John Mangwiro) को सौंपा गया। मुरलीधरन ने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि ये दवाईयां जिंबाब्वे को सहायता उपलब्ध कराएगी।
दोनों देशों के बीच संबंधों की मजबूती पर जोर
जिम्बाब्वे में केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने नेशनल असेंबली के स्पीकर एडवोकेट जैकब फ्रांसिस मुडेन्डा से भी मुलाकात की। इस क्रम में उन्होंने दोनों देशों के बीच रिश्ता मजबूत करने को लेकर बात की। 6 से 9 जून के बीच वे अफ्रीकी देशों जिम्बाब्वे और मालावी के आधिकारिक दौरे पर हैं। इसके अलावा मुरलीधरन दोनों देशों की साझीदारी से संचालित होने वाले प्रोजेक्ट का भी जायजा लेंगे। बता दें कि भारत ने 10 एंबुलेंस भी उपहार के तौर पर दिया है। 2018 में जिम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति जब भारत आए थे तभी इसका वादा किया गया था। इसके अलावा कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन की 35 हजार खुराकें भी दी गई थीं। भारत ने इंडो-जिम टेक्नोलाजी सेंटरों के लिए तीन वाहन भी सौंपे थे।
बता दें कि जिम्बाब्वे से वह मलावी जाएंगे और वहां विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। जिम्बाब्वे की यात्रा के दौरान मुरलीधरन ने जिम्बाब्वे गणराज्य के राष्ट्रपति इमर्सन डी मनांगग्वा और देश के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।’ मुरलीधरन, मलावी में राष्ट्रपति लाजर मैकार्थी चकवेरा से मिलेंगे तथा उसके अलावा देश के अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने दौरा शुरू होने से पहले ही कहा था कि मुरलीधरन आपसी हित और सहयोग के मामलों पर मलावी की विदेश मंत्री नैंसी टेम्बो के साथ भी बातचीत करेंगे। विदेश राज्य मंत्री दोनों देशों में भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोहों में भाग लेंगे।