फ्रांस और जर्मनी में यूक्रेन में तुरंत सीजफायर करने की अपील की है। दोनों देशों ने कीव और मास्को के बीच शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभाने की भी पेशकश की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रान का कहना है कि दोनों देशों के बीच उभरे तनाव को कम करने के लिए और शांति स्थापित करने के लिए वो अपनी अहम भूमिका निभाने को तैयार हैं। वहीं जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने रूस की सेना की यूक्रेन से वापसी के लिए कदम उठाने की बात कीह है। उनका ये भी कहना है कि इससे पहले दोनों दोनों के प्रतिनिधिमंडल की शांति स्थापना को लेकर बात होनी भी बेहद जरूरी है। मैक्रों और ओलाफ ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में ये बात कही है।
इन दोनों का ही कहना है कि इस युद्ध का हल केवल बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है। इसके लिए रूस और यूक्रेन दोनों को ही बातचीत की मेज पर आना जरूरी है। इन्होंने कहा कि उनका मकसद केवल दोनों देशों के बीच शांति स्थापित कर युद्ध को रोकना है। इसके लिए वे यूक्रेन की मदद बातचीत के लिए शर्तों और बिंदुओं को रखने में कर सकते हैं। इस प्रेस वार्ता में मैक्रों ने कहा कि वो जल्द ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से एक नई यूरोपीयन कम्यूनिटी को बनाने के मुद्दे पर बात करेंगे। इस बारे में उन्होंने ओलाफ से भी बात की है।
इससे पहले मैक्रों ने कहा था कि यूक्रेन को यूरोपीयन यूनियर का सदस्य बनने में कुछ वर्षों से दशकों तक का समय लग सकता है। ये भी उसके यूरोपीयन यूनियन के अपने स्टेंडर्ड पर खरा उतरने के बाद का समय है। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत की शुरुआत फरवरी के अंतिम दिनों में शुरू हुई थी। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच ये बातचीत बेलारूस की सीमा पर हुई थी। इस बातचीत में दोनों ही देश इसे आगे जारी रखने पर राजी हुए थे। मार्च के अंतिम दिनों में दोनों देशों का एक प्रतिनिधिमंडल तुर्की में मिला था जिसमें यूक्रेन की तरफ सीजफायर का एक प्रपोजल दिया गया था।