विद्या की देवी का उत्सव और ऋतु राज का स्वागत शनिवार को होगा। पांच फरवरी को बसंत पंचमी भारत में मनाया जाएगा। यह ऋतु भारत में काफी खास महत्व रखता है। इस ऋतु के दौरान लोग माता सरस्वती की पूजा करते हैं, पीले वस्त्र धारण करते हैं और पीले पकवान बनाते हैं। इस दिन भारत के तमाम राज्यों में अलग-अलग रीत के अनुसार त्योहार को मनाते हैं। इस दिन होलिका उत्सव की शुरुआत का संकेत भी मिल जाता है और साथ ही मौसम से जाड़ा हटने लगता है। आइए जानते हैं इस बार बसंत पंचमी में खास मुहूर्त।
विशेष योग बनेंगे तीन
भारत में अभी हिंदू कैलेंडर के हिसाब से माघ का महीना चल रहा है और यह माघ शुक्ल कहलाता है। बसंत पंचमी को श्रीपंचमी और बागेश्वरी जयंती के रूप में भी कई जगह मनाते हैं। बसंत पंचमी पर इस बार तीन विशेष योग बन रहे हैं जो काफी अच्छे बताए जा रहे हैं। यह योग न केवल शुभ कार्यों के लिए अच्छा है बल्की यह आने वाले समय को भी बेहतर बनाएगा। इस बार सिद्ध और साध्य के साथ रवि योग पड़ रहा है जो त्रिवेणी योग हैं। यह योग विद्यार्थियों के लिए काफी अच्छा है।
क्या है शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी पर सूर्य, बुध मकर राशि में एक साथ रहने वाले हैं। इससे सूर्य और बुध में बुधादित्य योग का निर्माण होने की बात कही जा रहा है। यहां नौ ग्रह चार राशियों में मौजूद रहने की बात ज्योतिषशास्त्री बता रहे हैं। इस बार बसंतपंचमी पर माता सरस्वती की पूजा सुबह 3.47 पर शुरू होगी और समापन 6 फरवरी को सुबह 3.46 पर होगा। इस हिसाब से देखें तो पूरे एक दिन तक शुभ होगा। इस दिन बंगाली परिवारों में काफी अच्छे से सरस्वती पूजा मनाई जाती है। बंगाल में इस पर्व का खासा महत्व है। इसके अलावा पंजाब और पूर्वी भारत में भी यह उत्सव मनाया जाता है। लोग मुहूर्त में ही होलिका के लिए लगने वाले अरंड के पेड़ को भी लगा सकते हैं। उसी स्थान पर होलिका जलाई जाती है।
GB Singh
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