उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से आखिरी के तीन चरणों के उम्मीदवारों के नाम पर मंथन चल रहा है। इस बीच खबर है कि भाजपा कुल 172 टिकटों का ऐलान मंगलवार या बुधवार तक कर सकती है। इनमें से 80 विधायकों के टिकट कट सकते हैं और एक दर्जन से ज्यादा नेताओं की सीटों में फेरबदल किया जा सकता है। इसकी वजह गठबंधन दलों के खाते में ज्यादा सीटें जाना भी हो सकता है। दरअसल अपना दल और निषाद पार्टी ज्यादा सीटों की मांग कर रही हैं। ऐसे में उनके खाते में दो दर्जन के करीब सीटें जा सकती हैं।
भाजपा मुख्यालय में सोमवार को कोर कमिटी की मीटिंग हुई, जिसमें होम मिनिस्टर अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। इसके अलावा मंगलवार की चर्चा में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में मंगलवार को ही उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगने की संभावना है। भाजपा यूपी में करीब 380 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। इसके अलावा बाकी 23 सीटों में से निषाद पार्टी और अपना दल को मौका दिया जाएगा। हालांकि अब तक भाजपा ने इन दोनों दलों के साथ अपने सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को साझा नहीं किया है। भाजपा पहले ही अपने 197 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि टिकट तय करने में सबसे अहम जिताऊ फैक्टर है, जिसका ध्यान रखा जा रहा है। 2017 में भाजपा के 312 विधायक चुने गए थे और ज्यादातर नए चेहरे थे। लेकिन इस बार उनको लेकर विधानसभा क्षेत्र की राय का भी आकलन किया जा रहा है।
एक नेता ने कहा, ‘विधानसभा क्षेत्र का फीडबैक, विधायक का परफॉर्मेंस और उसकी विश्वसनीयता समेत कई पहलुओं का आकलन किया जा रहा है। हालांकि कुछ ऐसी सीट हैं, जहां से ज्यादा अच्छे दावेदार मौजूद हैं। इन पर सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है।’ सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व बड़ी संख्या में विधायकों के टिकट काटने की तैयारी में था, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद थोड़ी सतर्कता बरती जा रही है। दरअसल ज्यादा नेताओं के पार्टी छोड़ने से परसेप्शन बिगड़ने का भी खतरा है।
अपना दल और निषाद पार्टी से हार्ड बारगेनिंग कर रही भाजपा
अपना दल ने 2017 में 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था और भाजपा चाहती है कि इस बार वह 14 या 15 सीटें ले। हालांकि अपना दल की मांग है कि उसे 20 से 22 तक सीटें दी जाएं। वहीं निषाद पार्टी भी 15 सीटों की मांग कर रही है, जो 2017 में 72 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल कर पाई थी। वह सीट भी बाहुबली विधायक विजय मिश्रा ने जीती थी। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि निषाद पार्टी को भी आधा दर्जन के करीब सीटों पर ही मना लिया जाए।