आज विश्व में जिस प्रकार से जनसंख्या बढ़ रही है और विकासशील देश की प्रगति में लगे लोग जो औद्योगीकरण कर रहे हैं उससे हमारे पर्यावरण पर बहुत से नए–नए खतरे पैदा हो रहे हैं. आज हर दिन हरियाली घट रही है और प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. जिससे प्रकृति का मौसम चक्र भी बदल गया है. हमें पर्यावरण को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करना ही होगा. नहीं तो पृथ्वी से जन–जाति का नाम–ओ–निशान मिट जाएगा. अब आप सोच रहे होंगे की मुझ एक अकेले से क्या होगा? ऐसा नहीं है एक-एक करके ही हम दुनिया में बदलाव ला सकते हैं. तो एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आप शुरूआत अपने किचन से ही कर सकते हैं. चलिए इसका जिम्मा हम औरतें ही उठाते हैं और शुरुआत करते हैं अपने किचन को इको फ्रेंडली बनाने से…..
किचन को इको फ्रेंडली कैसे बनाएं
बदलाव के लिए शुरुआत तो कहीं न कहीं से करनी ही पड़ती है तो फिर पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ बदलाव करके आप अपने किचन को भी इको फ्रेंडली बना सकती हैं. अपने किचन को पर्यावरण के अनुकूल बनाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है. आपको बस शुरूआत में थोड़े बहुत बदलाव करने होंगे, उन चीजों को रसोई से हटाना होगा जो हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं. तो आइए जानते हैं किचन को इको फ्रेंडली बनाने के कुछ तरीके –
प्लास्टिक की चीजों को कहें न
हममे से ज्यादातर लोगों के किचन में प्लास्टिक के डब्बे होते हैं क्योंकि वो सस्ते और बहुत टिकाऊ होते हैं. लेकिन याद करिए वो समय जब आपकी मम्मी लोग प्लास्टिक की जगह कांच और स्टील के डब्बे इस्तेमाल किया करती थीं. अपने किचन को इको फ्रेंडली बनाने के लिए सबसे पहले आपको किचन में मौजूद प्लास्टिक के बर्तन, डब्बे और प्लास्टिक हैंडल वाले दूसरे सामानों को लकड़ी, कांच और स्टील से रिप्लेस करने होंगे. क्योंकि प्लास्टिक नॉन बायोडिग्रेडेबल है. अगर इसको जलायेंगे तो इससे डायोक्सिन तथा फ्यूरौन जैसे रसायन हवा के जरिये हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और गंभीर बीमारयों को न्योता देते हैं. इसीलिए बेहतर रहेगा इसे रिप्लेस कर दें.
बिजली बचाएं
हमारे किचन में ऐसे कई अप्लाइंसेस होते हैं जिन्हें इस्तेमाल करने में बहुत बिजली खर्च होती है. हम ये नहीं कह रहें हैं कि आप इनका इस्तेमाल करना बंद कर दें लेकिन जितना हो सके कम उपयोग में लाएं. साथ ही इन अप्लाइंसेस को किचन के बाहर रखें, ताकि इनमें से निकलने वाला रेडिएशन सेहत को नुकसान ना पहुंचाए. वहीं थोड़ी–थोड़ी देर में फ्रिज को बार–बार ना खोलें. ध्यान रखें हम जितनी अधिक बिजली बचाएंगे, उतनी कम बिजली प्रोड्यूस करनी पड़ेगी. हमारा बिजली बचाना हमारे वातावरण को बचाएगा. इसके अलावा किचन में और पूरे घर में भी एलईडी लाइट का इस्तेमाल करें इससे बिजली भी कम खर्च होती है और पैसों की बचत भी.
अलग रखें सूखा और गीला कूड़ा
हमारे घरों में रसोई का गीला कूड़ा और कागज, डब्बे, पैकिंग इत्यादि का तमाम सूखा कूड़ा होता है. हमें सूखे और गीले कूड़े को अलग–अलग डब्बों में रखना चाहिए जिससे दोनों तरह के कूड़े का इस्तेमाल दोबारा किया जा सके. खासतौर पर वेस्ट कम्पोस्ट को फेंकने की बजाए आप इसे गार्डनिंग के लिए इस्तेमाल करें.
पानी की बचत करें
किचन में सब्जी और अन्य चीजों को साफ करने और बर्तन आदि धुलने में पानी बहुत खर्च होता है. किचन में पानी की खपत कम हो तो इसके लिए स्मार्ट तरीके से पानी का इस्तेमाल करें. वॉटर फिल्टर से निकलने वाले पानी को एक टंकी में स्टोर करें और उससे बर्तन आदि धुलें. सब्जी, दाल, चावल को धोने के लिए इस्तेमाल किये पानी को पेड़–पौधों में डालें. आप सब्जी आदि को चार बार पानी से धुलने की जगह एक बार ही फिटकरी के पानी या फिर गरम पानी में डालकर धुल सकते हैं. इससे पानी की बहुत बचत होगी.
किचन को बनाएं हरा–भरा
आप अपने किचन को हरा–भरा बनाने और उसे सुंदर दिखाने के लिए कुछ इनडोर प्लांट्स लगा सकते हैं. आप चाहें तो रसोईघर में एलोवेरा, पुदीना, धनिया, लेमन ग्रास और कुछ ऐसे ही जरूरी पौधे लगा सकती हैं. इससे आपको किचन में इस्तेमाल होने के लिए चीजें भी मिल जायेंगी और रसोई में पॉजिटिव एनर्जी का संचार भी होगा.
By- कविता सक्सेना श्रीवास्तव