लखनऊ:हाईस्कूल छात्र ने पिता को धोखा दे 45 हजार रुपए हड़पने वाले ठग को सबक सिखाने के लिए डीजीपी का फर्जी ट्विटर एकाउंट बनाया था। लखनऊ साइबर सेल टीम ने छात्र को उसके दोस्त संग गोरखपुर के भटहट से पकड़ा। वहींए पूछताछ में छात्र ने अपनी गलती स्वीकार्य करते हुए माफी मांगी। इस पर अभिभावकों के सामने छात्र को चेतावनी देकर छोड़ा गया।
सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र ने बताया कि डीजीपी ओपी सिंह के नाम पर एक फर्जी ट्विटर एकाउंट तैयार किया गया था। इस मामले 16 मार्च को चौकी इंचार्ज घनश्याम यादव हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। वहींए जांच साइबर सेल को मिली थी। सीओ हजरतगंज ने बताया कि इंस्पेक्टर साइबर सेल अरुण कुमार सिंह की टीम शुक्रवार को गोरखुपर के भटहट मोइदनीपुर गांव पहुंची थी।
जहां से दो किशोरों को हिरासत में लेकर लखनऊ लाया गया। सीओ के मुताबिक पकड़े गए किशोर छात्र हैं। इसलिए उनके अभिभावकों को भी बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि एकाउंट बनाने वाला किशोर हाईस्कूल का छात्र है। वहींए उसका दोस्त भी नाबालिग है। ऐसे में दोनों को उनके अभिभावकों के सामने गलती का एहसास व चेतावनी देकर छोड़ा गया।
डीजीपी ओपी सिंह का फर्जी एकाउंट बनाने वाले हाईस्कूल छात्र के मुताबिक उसके पिता ने बड़े भाई की नौकरी लगवाने के एक युवक से सम्पर्क किया था। वहींए जालसाज ने उसके पिता से 45 हजार रुपए लेते हुए जाली वीजा थमा दिया था। उसने पुलिस को बताया कि भाई को नौकरी नहीं मिलने और पिता की कमाई हड़पे जाने से वह काफी नाराज था।
उसे धुन सवार थी कि पिता को ठगने वाले को सबक सिखा कर रुपए वापस लेने है। इसी वजह से उसने गांव में रहने वाले एक युवक से मदद मांगी थी और उसकी सलाह पर ही डीजीपी का फर्जी एकाउंट बनाया था। साइबर सेल की टीम ने मामले की छानबीन की तो एक मोबाइल नम्बर ट्रेस हुआ। पड़ताल के दौरान मोबाइल की लोकेशन गोरखपुर के भटहट में मिली। इस पर पुलिस कडिय़ां जोड़ती हुई गोरखपुर पहुंची थी। वहींए छात्र ने पुलिस को यह भी बताया कि उसने अपने दोस्त से उसका मोबाइल फोन करने के लिए मांगा था। इसी दौरान उसने /वउचतंोंीकहच के नाम से एकाउंट तैयार किया था।