मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले दो दिन और बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई है। मैदानी क्षेत्रों में कोहरे की वजह से मौसम ठंडा बना रहेगा। मौसम को लेकर फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं है। बारीश के बाद हुई बर्फबारी की वजह से गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे सहित कई सड़कें बंद हो गई हैं, जिसकी वजह से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं।
सोमवार को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश व बर्फबारी होने की संभावना है। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। राज्य के 2000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में बर्फबारी की संभावना है। 25 जनवरी को पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना है। जबकि, 26 को राज्य में मौसम शुष्क रहेगा। मैदानी क्षेत्रों में विशेषकर हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जिलों में छिछले से मध्यम कोहरा रहने की संभावना है। 27 जनवरी को प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
उत्तरकाशी जनपद के ऊंचाई वाले इलाकों में दो दिनों से बर्फबारी का दौर जारी है। इस दौरान जमकर हुई बर्फबारी ने उत्तरकाशी के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बर्फबारी के कारण गंगोत्री-यमुनोत्री राजमार्ग सहित 4 संपर्क मार्ग भी बंद पड़े हैं। केदारनाथ घनसाली और लंबगांव मोटरमार्ग भी बर्फबारी के कारण ठप है।
बीते शनिवार सुबह से जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, जानकी चट्टी, रैथल, बार्सू, गंगनानी, जखोली, सांकरी सहित आदि क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। निचले इलाकों में जमकर बारिश हुई। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से बीआरओ की टीम ने झाला तक बर्फ को तो हटाया है लेकिन, हाईवे पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाया है। जिसमें फिसलन बनी हुई है।
ऐसे में हाईवे पर पर्यटकों के वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हुई है। धरासू यमुनोत्री राजमार्ग रविवार की शाम तक बंद रहा। एनएच की टीम ने रविवार की शाम को छोटे वाहनों के लिए राजमार्ग को सुचारू किया। लेकिन, छोटे वाहनों की आवाजाही के दौरान कई स्थानों पर फिसलन बनी हुई है। वहीं हनुमान चट्टी से जानकी चट्टी तक भी मार्ग बंद है। उत्तरकाशी से लंबगांव श्रीनगर मार्ग चौरंगी के आसपास बंद पड़ा हुआ है।
केदारनाथ सहित अनेक स्थानों पर दूसरे दिन भी बर्फबारी
जिले के केदारनाथ धाम समेत ऊंची चोटियों पर रविवार को दिनभर बर्फवारी हुई। जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने मौसम ठंडा हो गया। जिससे जिला मुख्यालय सहित अनेक कस्बों में लोगों की चहल कदली कम देखी गई। रविवार सुबह से ही आसमान में बादल छाने से मौसम गुमशुम रहा। जिसके बाद केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ, चन्द्रशिला, चोपता, दुगलविट्टा, कार्तिक स्वामी, देवरियाताल समेत ऊंचाई वाले स्थानों पर दूसरे दिन भी दिनभर बर्फवारी होती रही।
पिछले दो दिन से लगातार हो रही बर्फबारी के चलते जनपद में शीतलहर का प्रकोप भी बढ़ गया। जिला मुख्यालय समेत निचले इलाकों में भी बादलों के साथ बीच-बीच हल्की बारिश होती रही। पूरे दिनभर सूर्यदेव ने दर्शन नहीं दिए। बर्फबारी और बिगड़े मौसम का असर निचले इलाकों में भी देखा जा रहा है। जिले में ठंड से बचने के लिए लोग घरों में ही कैद होने के साथ बाजार के कई कस्बों में व्यापारियों ने अलाव भी जलाए। बर्फबारी के चलते चोपता-गोपेश्वर मार्ग पर आवाजाही प्रभावित हो गई है। जनपद के सीमांत क्षेत्रों में बर्फबारी ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी है।
चकराता की ऊंची पहाड़ियों ने ओढी बर्फ की सफेद चादर, बाजार में एक फीट से अधिक बर्फबारी
शनिवार सुबह से चकराता की ऊंची चोटियों पर पर शुरु हुई। बर्फबारी का सिलसिला देर रात तक जारी रहा रविवार सुबह तक क्षेत्र की ऊंची चोटियों सहित चकराता बाजार भी बर्फ की सफेद चादर से ढक गया। चकराता बाजार में बर्फबारी हो जाने से यहां आए पर्यटकों ने पड़ रही बर्फ का जमकर लुत्फ उठाया। चकराता बाजार में सीजन की दूसरी व ऊंचाई वाले इलाको में पांचवीं बार जमकर बर्फबारी हुई।
शनिवार सुबह से ही चकराता की ऊंची पहाड़ियों देवबन, खडम्बा, मुंडाली, लोखंडी, व्यास शिखर, लोखंडी, मोयला टॉप, सहित चकराता छावनी बाजार, जाड़ी, मुंगाड, कोटी कनासर, मोहना, इंद्रोली आदि क्षेत्र में बर्फबारी शुरू हो गयी थी। जो पूरे दिन रुक रुक कर चलती रही शनिवार देर शाम से चकराता बाजार में भी जम कर बर्फबारी हो रही है। जो खबर लिखे जाने तक जारी है।
क्षेत्र में शाम से जमकर हुई बर्फबारी से क्षेत्र की ऊंची चोटियाँ बर्फ से लकदक हो गयी जहां लोखंडी में दो फिट के आसपास बर्फ पड़ी वहीं क्षेत्र के देवबन, खडम्बा, बुधेर मोयला टॉप, व्यास शिखर, आदि स्थानों पर तीन फीट से अधिक बर्फबारी की सूचना है। साथ ही चकराता छावनी बाजार में एक फीट से ज्यादा बर्फ पड़ गई है।
व अन्य निचले इलाकों में तीन से छह इंच तक बर्फ पड़ी है। उधर क्षेत्र के खारसी, जाड़ी, कांडोई, भरम, कथियान वैली आदि ऊंचाई वाले इलाकों सहित मोहना सावरा से लेकर कम ऊंचाई वाले इलाकों में भी बर्फबारी की सूचना है। बर्फबारी की खबर लगते ही शनिवार शाम से ही पर्यटकों ने चकराता का रुख करना शुरू कर दिया था। छावनी बाजार व आसपास के होटलो में 50% कमरे कल शाम को ही फुल हो गए थे।
आज सुबह से ही पर्यटक बर्फ में खेलते नजर आए। पर्यटकों ने क्षेत्र में हुई बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया। विकासनगर से सपरिवार चकराता आये अंकित जैन, जगाधरी के नवप्रीत सिह, देहरादून के ओम शर्मा, आदि का कहना है कि वह कल चकराता पहुंचे थे। दिन तक बर्फ न पड़ने से सब मायूस थे। लेकिन शाम से सुबह तक हुई बर्फबारी से जो नजारा सामने आया यह उन्होंने तस्वीरों में ही देखा था।
मार्ग बंद
बर्फबारी होने से चकराता त्यूणी मोटर मार्ग यातायात के लिए बाधित हो गया है। मार्ग बंद होने से क्षेत्र के कोटी, लोहारी, बुल्हाड, लेबरा, बायला, उदावा, सहित एक दर्जन से अधिक गांवो के ग्रामीण बर्फबारी से प्रभावित हुए है।
फसलों के लिए लाभदायी
इस बर्फबारी से गर्मियों में पेयजल की समस्या में कुछ कमी आएगी्र। पानी के श्रोत रिचर्जा होंगे। साथ ही यह बर्फ बागवानों व किसानों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। बर्फबारी से सेब, खुमानी, आड़ू, पुलम, अखरोट, नाशपती, के अलावा रवि की फसलों को लाभ मिलेगा। गेहूं, मटर, बेमौसमी सब्जी की अच्छी पैदावार होगी। बर्फबारी क्षेत्र में सेब आदि की फसलों के लिए सोना बरसी है। डॉ. संजय सिंह, कृषि विज्ञानकेंद्र ढकरानी
बर्फबारी से थल-मुनस्यारी सड़क बंद, फंसे लोग
बर्फबारी के बाद थल-मुनस्यारी सड़क बंद रही। इस सड़क के बंद रहने से कई यात्री व पर्यटक वाहन फंसे रहे। पर्यटकों को माइनस 5 डिग्री के बीच वाहनों में बैठकर समय बिताना पड़ा। हिमनगरी सहित कालामुनी, बलाती में बीते शनिवार देर शाम जमकर बर्फबारी हुई। भारी हिमपात से थल-मुनस्यारी सड़क कालामुनी व बलाती में बंद हो गई। सड़क पर जमा 8 इंच से अधिक बर्फ में वाहन फंस गए।
आसमान से गिरती बर्फ व माइनस 5 डिग्री तापमान के बीच पर्यटकों को वाहन में बैठक सड़क खुलने का घंटों इंतजार करना पड़ा। लेकिन राहत नहीं मिली। भारी बर्फबारी के बीच लोनिवि के लिए सड़क से बर्फ हटाना मुश्किल हुआ। मजबूर होकर फंसे पर्यटकों को बिर्थी वापस लौटना पड़ा। किसी तरह 18 घंटे बाद दूसरे दिन रविवार को सड़क से बर्फ हटाकर आवाजाही शुरू कराई जा सकी। सड़क खुलने के बाद पर्यटकों व स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।
बर्फबारी से निपटने के दावे हवाई
भले ही बर्फबारी से निपटने के दावे किए जा रहे हों। लेकिन मुनस्यारी में आए दिन बर्फबारी से बंद हो रही सड़क इन दावों को खोखला साबित कर रही है। मुनस्यारी में अब तक पांच बार बर्फबारी हुई है। इसमें से चार बार थल-मुनस्यारी सड़क बंद रही। हैरान करने वाली बात यह है कि पर्याप्त मशीनरी के बाद भी सड़क को खोलने में 12 से 15 घंटे का समय लग रहा है।
बर्फबारी से सड़क बंद हो गई थी, जिसे खोलने के लिए तीन जेसीबी लगाए गए हैं। जल्द सड़क खोलकर आवाजाही शुरू करा दी जाएगी।
पीपी गोस्वामी, उपखंड अधिकारी, लोनिवि, मुनस्यारी