UGC ने हाल ही में एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे कि प्रत्यक्ष रूप से 35 लाख बच्चों के भविष्य पर संकट का खतरा मंडराने लगा है. UGC ने 35 स्टेट और सेंट्रल यूनिवर्सिटी द्वारा कराए जा रहे डिस्टेंस लर्निंग कोर्सों की मान्यता को रद्द कर दिया है. जिससे कि लाखों छात्रों के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है. संस्थानों को इस संबंध में एक माह का समय दिया गया है कि वे यूजीसी से फैसला वापस लेने के लिए कह सकते हैं. हालाँकि उन्हें इस संबंध में स्पष्टीकरण भी देना होगा.
UGC ने कहा है कि 5 सालों से नियमित रूप से यूनिवर्सिटी जिन कोर्सों का संचालन नहीं कर रही हैं, उन्हें जल्द ही बड़ी समस्या से गुजरना होगा. UGC के मुताबिक, ऐसे संस्थानों की मान्यता रद्द होगी. इतना ही नहीं इसके साथ में एमबीए, एमसीए, बीएड, होटल मैनेजमेंट और टूरिज्म आदि की प्रोफेशनल कोर्स की लिए संस्थानों को रेग्युलेटरी अथॉरिटी से पहले अनुमति प्राप्त करनी होगी.
कोर्सेस रद्द किए जाने के चलते कई संस्थानों ने ऑफर किए जाने वाले प्रोग्रामों की संख्या में कटौती कर दी हैं. उनका मानना है कि ये कोर्स अनुपालन की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है. UGC के इस फैसले का सबसे अधिक असर महाराष्ट्र के छात्रों पर देखने को मिलेगा.
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