भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कश्मीर मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. गुटेरस कहा कि वह कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत कराने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए वह दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं. गुटेरस से पूछा गया कि क्या वह कश्मीर विवाद के हल की खातिर भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके जवाब में गुटेरस ने हँसते हुए कहा, ‘आखिर मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से तीन बार और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो बार क्यों मिला हूं.’
गुटेरस पर आरोप लग रहे हैं कि वह कश्मीर मामले को सुलझाने और कार्रवाई करने से बच रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि महासचिव भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने के इच्छुक नहीं हैं. जनवरी में पद संभालने के बाद संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहली बार प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गुटेरस से पूछा गया कि उनके महासचिव बनने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है. LoC पर सीजफायर में इजाफा हुआ है. ऐसे में वह इसको कम करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
इस पर उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों को वार्ता की मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करेंगे या नहीं? जून माह की शुरूआत में सेंट पीट्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच से इतर मोदी और गुटेरस ने मुलाकात की थी. इस दौरान मोदी ने आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निबटने की खातिर बहुपक्षवाद पर जोर दिया था, जबकि गुटेरस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जनवरी में आर्थिक मंच से इतर दावोस और इसके बाद इसी महीने शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन से इतर अस्ताना में मुलाकात की थी.
गुटेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से जब भी कश्मीर में हालात को लेकर महासचिव की प्रतिक्रिया के बारे में सवाल किया गया था. उन्होंने बार-बार यही जवाब दिया कि क्षेत्र के हालात पर गुटेरस करीब से नजर रख रहे हैं. इसके समाधान के लिए यूएन प्रमुख ने कोई सीधा दखल नहीं दिया है, बल्कि भारत और पाकिस्तान से वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण हल निकालने के अपने आह्वान को ही दोहराया. पाकिस्तान यूएन में लगातार कश्मीर मुद्दा उठाता रहा है और इस विवाद में दखल देने की मांग रखता रहा है. हालांकि भारत ने हमेशा यह कहा है कि कश्मीर उसके और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है. लिहाजा इन दोनों देशों को मिलकर ही इसे सुलझाना होगा.