इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत-इजरायल के संबंधों को ‘स्वर्ग में बनी जोड़ी’ जैसा करार दिया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में यरूशलम मुद्दे पर भारत द्वारा इजरायल के खिलाफ मतदान किए जाने से उनके देश को ‘निराशा’ हुई लेकिन इससे दोनों देशों के संबंधों पर फर्क नहीं पड़ेगा.
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‘इंडिया टुडे’ से खास बातचीत में नेतन्याहू ने कहा, उनको आशा है कि उनकी भारत यात्रा से प्रौद्योगिकी, कृषि और विश्व में परिवर्तन ला रहे अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे. नेतन्याहू ने कहा यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि हमारे रिश्ते कई मोर्चों पर आगे बढ़ रहे हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे नहीं लगता कि एक वोट सामान्य प्रवृत्ति को प्रभावित कर सकता है.
उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि इस दौरे पर रक्षा समझौतों में आ रहे गतिरोध दूर हो जाएंगे. हमें इस दौरे के अंत तक इंतजार करना होगा. हम दोनों अपने देशों की सुरक्षा करना चाहते हैं. हम आक्रामक देश नहीं हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि हमें भी कोई आक्रामकता न दिखाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मैं मोदी की एक महान नेता के तौर पर इज्जत करता हूं. मैं उन्हें अपने लोगों का भविष्य सुधारने और दुनिया को बदलने के लिए उत्सुक देखता हूं. हमारी साझेदारी कई कमाल कर सकती है.
भारत ने किया था इजरायल के खिलाफ वोट
नेतन्याहू ने येरूशलम को इजरायल की राजधानी मानने के सवाल पर संयुक्त राष्ट्र में भारत का वोट न मिलने पर निराशा जरूर जताई. नेतन्याहू का कहा कि एक वोट से कुछ नहीं बिगड़ता, लेकिन हम इससे निराश हुए. आपको बता दें कि 21 दिसंबर को भारत ने 127 देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के विरोध में वोट दिया था. तब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में येरूशलम को इजरायल की राजधानी मानने का प्रस्ताव पेश किया था.
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