संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बृहस्पतिवार को इस्राइल की राजधानी के तौर पर येरूशलम को मान्यता दिए जाने के अमेरिका के फैसले को 128 के मुकाबले 9 मतों से खारिज कर दिया। वहीं, 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव पर मतदान के समय 35 देश अनुपस्थित रहे। इस मसले पर अलग-थलग पड़े अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मतदान से पहले येरूशलम को इस्राइल की राजधानी की मान्यता खारिज करने वाले संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों को आर्थिक मदद रोकने की धमकी दी थी।
ट्रंप ने कहा, ‘ये हमसे अरबों डॉलर की मदद लेते हैं और फिर हमारे खिलाफ मतदान करते हैं। हम देख रहे हैं कि इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करता है।’ इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में इस मसले पर प्रस्ताव पेश हुआ था, जिस पर अमेरिका ने वीटो कर दिया था जबकि सुरक्षा परिषद के सभी 14 सदस्यों ने सोमवार को इस मसौदे के पक्ष में वोट किया था।
भारत, रूस, चीन ने प्रस्ताव के पक्ष में किया मतदान
भारत, रूस और चीन ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। हाल ही में इन सभी देशों को नेतन्याहू के सहयोगी के रूप में बताया गया था। बहरहाल, कुछ देशों ने आम सहमति से अलग इस्राइल को चौंकाया। इन देशों में हंगरी, चेक गणराज्य, लातविया, रोमानिया, क्रोएशिया और पोलैंड हैं।
इस्राइल ने संयुक्त राष्ट्र के फैसले को खारिज किया
इस्राइल ने संयुक्त राष्ट्र के फैसले को खारिज किया
इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि इस्राइल ने संयुक्त राष्ट्र के फैसले को खारिज कर दिया है और उन देशों के प्रति कृतज्ञता जाहिर की है, जिन्होंने इस फैसले के पक्ष में मतदान किया है। इस्राइल ने येरूशलम के पक्ष में अपना स्पष्ट रुख रखने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को धन्यवाद भी दिया है।