संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने अफगानिस्तान में मीडियाकर्मी को लेकर चिंता चताई है। इसके साथ ही शुक्रवार को सभी देशों से अफगान पत्रकारों को तत्काल सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया। जो वहां पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान ने किया था कब्जा
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की मानें तो अफगानिस्तान में मीडियाकर्मी, जिसमें विशेष रूप से महिलाएं तालिबान के कब्जे के बाद से जोखिमों का सामना कर रही है। बता दें कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लगातार हालात बिगड़ते जा रहा हैं। पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी तालिबानी कब्जे के बाद देश छोड़ दिया था।
वीजा और निकासी अभियान में लानी होगी तेजी
विशेषज्ञों ने कहा, ‘सभी सरकारों को अफगान पत्रकारों की रक्षा के लिए कड़ी और तेज कार्रवाई करनी चाहिए। इसमें वीजा में तेजी लाना, निकासी में सहायता करना और अफगानिस्तान छोड़ने की इच्छा रखने वालों के लिए अपनी सीमाएं खुली रखना शामिल है।’ बता दें कि सभी देशों द्वारा अपने नागिरकों के लिए निकासी अभियान पहले से चल रहे हैं।
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए और अधिक कार्य की जरूरत
हाल के वर्षों में मानवाधिकार परिषद द्वारा अपनाए गए पत्रकारों की सुरक्षा पर विभिन्न प्रस्तावों को याद करते हुए संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों प्रतिबद्धता बनाए रखने और देश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरे को दूर करने के लिए और अधिक कार्य करने का आह्वान किया।
महिला पत्रकारों के लिए काफी चिंतित UN
इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा, ‘हम महिला पत्रकारों के लिए बहुत चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें मीडिया में काम करने को लेकर टारगेट किया जा रहा है।’ आगे कहा कि ऐसे में सभी को अफगानिस्तान के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा होना अनिवार्य है। इसके साथ ही संगठन ने कहा, ‘पत्रकारों और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या जैसे मामले लगातार बढ़ रहे है।
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