संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UN Human Rights Council) ने युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान (Afghanistan Crisis) पर तालिबान के कब्जे के बाद चिंता जताई है। यूएनएचआरसी ने ‘गंभीर मानवाधिकार चिंताओं’ को दूर करने के लिए 24 अगस्त को अफगानिस्तान पर एक विशेष सत्र आयोजित करने का फैसला किया है।
एक बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इस्लामिक सहयोग संगठन के समन्वयक के अनुरोध पर अफगानिस्तान की स्थिति पर ‘गंभीर मानवाधिकार चिंताओं’ को दूर करने के लिए सत्र बुलाया गया है। इस अनुरोध को अब तक 89 देशों ने समर्थन दिया है। इसमें कहा गया है कि अधिकांश देशों के प्रतिनिधिमंडल वीडियो लिंक के जरिए सत्र को संबोधित करेंगे।
तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान पर 20 साल बाद फिर एक बार अपना कब्जा जमा लिया। इस दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़ कर भाग गए। इससे पहले मंगलवार को तालिबान ने सभी अफगान सरकारी अधिकारियों के लिए माफी की घोषणा की और उनसे काम पर लौटने का आग्रह किया। इसमें महिलाओं से अफगानिस्तान की नई सरकार में शामिल होने की अपील की गई है।
उधर, तालिबान के नेता दोहा में भविष्य की सरकारी योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं और अफगानिस्तान में सरकार बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अंतर-अफगान पार्टियों के संपर्क में हैं। दुनिया अफगानिस्तान की स्थिति को करीब से देख रही है। कई देश अपने लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। भारत और अमेरिका समेत अन्य देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के प्रयास मेंलगे हुए हैं।