संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने अल- नुसरा फ्रंट से संबद्ध एक आतंकवादी गुट पर प्रतिबंध लगाया है. इसके तहत गुट पर हथियार एवं यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है. उसकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी. यह आतंकवादी संगठन पहले अफगानिस्तान पाकिस्तान की सीमा में स्थित एक इलाके में सक्रिय था. परिषद की आईएसआईएल (दाएश) एवं अल- कायदा प्रतिबंध समिति ने गुरुवार (9 मार्च) को खातिबा इमाम अल- बुखारी का नाम समिति की ‘प्रतिबंधित व्यक्तियों एवं समूहों’ की सूची में डाला. इस सूची में शामिल लोगों और समूहों की संपत्ति जब्त कर ली जाती है और उन पर यात्रा एवं हथियार प्रतिबंध लगाये जाते हैं.
समिति की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार समूह को खातैब अल- इमाम अल- बुखारी के नाम से भी जाना जाता है.पहले यह समूह अफगानिस्तान- पाकिस्तान की सीमा पर स्थितइलाके में सक्रिय था और बताया जाता है कि इस महीने उसके सीरिया में होने की सूचना थी जहां वह इदलिस, अलेप्पो और खामाइलाके में सक्रिय था. विज्ञप्ति के अनुसार अल- नुसरा फ्रंट फॉर दी पीपल ऑफ द लेवांत से संबद्ध अल- बुखारीने सीरियाई अरब गणराज्य मेंकई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया.
इससे पहले बीते 25 जनवरी को अमेरिकी वित्त विभाग ने छह ऐसे लोगों पर प्रतिबंध लगाने का घोषणा की थी जो कथित रूप से तालिबान और अफगान आतंकी समूह हक्कानी नेटवर्क से जुड़े हुए थे. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विभाग ने छह लोगों, जो या तो पाकिस्तानी हैं या अफगानिस्तानी हैं और पाकिस्तान में रह रहे हैं, की अमेरिकी वित्त प्रणाली तक पहुंच पर रोक लगा दी थी.
अमेरिकी वित्त विभाग की अंडर सेक्रेटरी सिगल मैंडेलकर ने कहा था, “आज की यह कार्रवाई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशिया रणनीति को समर्थन देती है.” मैंडेलकर ने कहा था, “पाकिस्तानी सरकार को तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को पनाह देने से इनकार करने और आतंकवादियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को निशाना बनाने के लिए हमारे साथ काम करना चाहिए.”
अमेरिकी सरकार द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में कटौती करने के तीन सप्ताह बाद यह प्रतिबंध सामने आया है. अमेरिका ने पाकिस्तान पर इन समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सहायता में कटौती कर दी थी.
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