महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को है। इसी कड़ी में बाराबंकी में शुक्रवार की सुबह चार बजे लोधेश्वर महादेव का जलाभिषेक करने कांवड़ियों की सतरंगी टोलियां निकली। इसी दौरान आगे निकलने को लेकर कांवड़ियों के एक समूह में मारपीट हो गई। देखते ही देखते मारपीट चाकूबाजी में बदल गई। घटना में तीन लोग घायल हो गए, जिनको जिला अस्पताल लाया गया। वहीं, इलाज के दौरान एक कांवड़िए की मौत हो गई, जबकि दो का इलाज ट्रामा सेंटर में चल रहा है। वहीं, हमलावर हरदोई का रहने वाला है, जो मौके से फरार हो गया। अब मसौली पुलिस ने हरदोई पुलिस से संपर्क साधा है।
हमलावर समूह में बार-बार कर रहा था आगे पीछ: मामला मसौली के ग्राम भयारा के पास का है। शुक्रवार की सुबह हरदोई की एक कांवड़ियों की टोली मसौली थाना के भयारा मोड़ के आगे पहुंची। टोली में शामिल हरदोई के कासिमपुर के पलिया गोपालपुर का निवासी अमित कुमार (18) कभी आगे कभी बीच हाईवे पर चलने लगा। इसका टोली में शामिल विवेक मिश्रा ने विरोध किया। तभी अमित ने चाकू से विवेक पर हमला कर दिया। उसे बचाने के दौरान राकेश व विपिन के भी चाकू लग गया। घटना की जानकारी होते ही आनन-फानन में पहुंची मसौली पुलिस ने पीआरवी की मदद से तीनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यहां पलिया गोपालपुर के विपिन(30) पुत्र ओमप्रकाश यादव की मौत हो गई। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हरदोई के ही थाना कासिमपुर के घुसपाहा के विवेक मिश्रा पुत्र रामदास व राकेश कुमार पुत्र रामदास को जिला अस्पताल से ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया है।
हमलावर फरार, तलाश में लगी पुलिस : प्रभारी निरीक्षक विजेंद्र शर्मा ने बताया कि घटना में एक ही समूह के तीन लोग घायल हो गए थे। विपिन नामक युवक की मौत हो गई। दो घायल हैं, जिन्हें ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर किया गया है। अभियुक्त अमित घटना के बाद फरार हो गया है, जिसकी तलाश जारी है।
साथी कांवड़िए ने ही किया हमला: एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि कांवड़ियों के समूह में आगे चलने को लेकर पूरा विवाद हुआ था। साथी कांवड़िए ने ही चाकू से हमला किया, जिससे एक की मौत हो गई है। दो लोग घायल हैं। हमलावर समूह में बार-बार आगे पीछे कर रहा था, जिसे उसके साथियों ने मना करते हुए समूह के साथ रहने के लिए कहा था। घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल: जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह और एसपी यमुना प्रसाद ने तीन मार्च को मेला परिसर का निरीक्षण किया था। गुरुवार को एडीएम संदीप गुप्ता और एएसपी अवधेश सिंह भी पहुंचे थे। इस दौरान कानून व्यवस्था को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए थे। भयारा के पास बने पिकेट पर मौजूद रहने वाली पीआरवी भी नदारद थी, जबकि पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए थे। अगर पेट्रोलिंग की जा रही होती तो शायद वारदात न होती। मेला के दौरान इस वारदात के बाद प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं।