बसपा की ओर से इसकी घोषणा होते ही अटकलों पर विराम लग गया। सुबह मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने सपा-बसपा के गठबंधन पर व्यंग करते हुए इसे ‘केर-बेर’ का साथ बताया था।
बताया जा रहा है कि गोरखपुर और फूलपुर में हो रहे लोकसभा उपचुनाव के बारे में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के जिम्मेदार नेताओं से फीडबैक लिया था। दोनों लोकसभा क्षेत्रों के जोनल कोऑर्डिनेटर से भी उनकी बात हुई थी।
इस मुलाकात के बाद मिले फीडबैक को देखते हुए ही बसपा सुप्रीमो ने यह फैसला लिया है। अशोक गौतम ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी दलों को एक होने की जरूरत है।
वहीं इस गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि यह गठबंधन सांप और नेवले जैसा है। गौरतलब है कि गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर 11 मार्च को चुनाव होने हैं। इन दोनों सीटों पर वोटों की गणना 14 मार्च को होगी। गोरखपुर की सीट सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर की सीट डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लोकसभा से इस्तीफे के चलते खाली हुई है। यही वजह है कि ये दोनों सीटें बीजेपी के लिए जीतना काफी महत्वपूर्ण है।