उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की कथित फर्जी डिग्री मामले में एक नया ट्विस्ट आया है. इस केस की सुनवाई कर रहीं मजिस्ट्रेट ने जिला न्यायाधीश को एक पत्र लिखा है कि वे इस मामले की सुनवाई करने में सक्षम नहीं हैं. पत्र में कहा गया है कि केशव प्रसाद मौर्य विधानसभा मेंबर हैं, जिसके कारण इस केस की सुनवाई करना उनके कार्यक्षेत्र के बाहर है.
महिला मजिस्ट्रेट ने पत्र में कहा है कि ऐसे मामलों की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में होनी चाहिए. इस मामले में सुनवाई की तारीख 30 जुलाई निर्धारित की गई है. केशव प्रसाद मौर्य पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने फर्जी डिग्री का उपयोग कर चुनाव लड़ा है और पेट्रोल पंप भी हासिल किया है. RTI एक्टिविस्ट ने केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए FIR दर्ज कराने की मांग की गई थी. अब स्थानीय मजिस्ट्रेट ने इस मामले में सुनवाई से मना कर दिया है.
RTI एक्टिविस्ट दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ FIR दर्ज कराए जाने का आदेश पारित करने के लिए कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था. मामले की सुनवाई कर रहीं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह ने जिला न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर इस मामले से हटने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य विधानसभा सदस्य हैं. इसलिए इस प्रार्थना पत्र की सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस अदालत को प्राप्त नहीं है, केस को स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया जाना चाहिए.