मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको कट्टर हिंदूवादी कहने वालों को करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक चैनल से वार्ता के दौरान साफ कहा कि उनको अपने हिंदु होने का गर्व है। हिंदू होने के कारण ही वह समावेशी होकर काम करते हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सबका साथ सबके विकास की प्रेरणा हमें मेरे हिंदू होने के कारण ही प्राप्त हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगा है कि वह हिंदू उग्रवादी नेता हैं, तो उन्होंने कहा कि एक हिंदू होने पर मुझे गर्व की अनुभूति होती है। अब जिनकी सोच इसको लेकर खराब है तो यह उनकी गलती है। उनकी सोच जितनी होगी वह उतना ही तो बोलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू होने के कारण ही वह समावेशी हैं और सर्वपंथ तथा सम्भाव की प्रेरणा पाते हैं। उन्होंने कहा कि मैं तो उत्तर प्रदेश की बात करता हूं। कोरोना संक्रमण काल खंड हो या उससे पहले का समय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हमने प्रदेश में बिना किसी भेदभाव के शासन की योजना तथा विकास के काम को हर वर्ग तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर गांव, किसान, गरीब, महिला तथा कमजोर वर्ग के लिए को कार्य किया है, वह सिर्फ मैं हिंदू होने के नाते ही कर पाया हूं। प्रदेश में कोई भी यह आरोप नहीं लगा सकता कि शासन या सरकार की योजना का लाभ देने मे हमने भेदभाव किया है। हमने प्रदेश में सभी वर्ग, मत, संप्रदाय को शासन की हर योजना का भरपूर लाभ दिया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं बेहद विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बेहदतर करने के लिए कानून के नजरिए से हमने किसी भी अपराधी को नहीं छोड़ा। अपराधी किसी भी मत, संप्रदाय, मजहब या पंथ का हो, हमने कानून के नजरिए से उसके साथ पूरी सख्ती दिखाई, जो कि एक अपराधी के साथ दिखानी चाहिए। अपराधी को दंड देने में भी हमने कोई भेदभाव नहीं दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्रदेश में किसी की अपराधी को दंड देने के लिए सरकार का नजरिया बेहद अलग होता था। यानी अगर किसी हिंदू ने कोई अपराध किया है तो वह अपराध मान्य होता था। हिंदू ने अपराध किया है तो वह अपराधी माना जाता था, लेकिन किसी अन्य ने कोई अपराध किया है तो वह हमेशा माफ होता था। दंगाइयों को तो मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर सम्मानित भी किया जाता था। उनकी आवभगत में सरकारी हेलिकॉप्टर का दुरुपयोग तक होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है। पहले तो हिंदुओं की आस्था पर प्रहार करने वालों के मुकदमें वापस हो जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। इनको सजा भी मिलती है और किसी भी जिले में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर उनको भरपाई भी करनी पड़ती है। प्रदेश में सिर्फ कानून का राज है।