कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपित हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे बृहस्पतिवार को सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ है। इससे यूपी, हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने भी राहत की सांस ली है, लेकिन अब सवाल यह उठा रहा है कि आखिर विकास दुबे बिना निजी वाहन के कैसे फरीदाबाद से 770 किमी दूर उज्जैन (मध्य प्रदेश) पहुंच गया? उत्तर प्रदेश पुलिस को उसके मददगारों की भी तलाश करनी होगी, जिन्होंने कुख्यात विकास दुबे को हर पल मदद की। इससे पहले वह बुधवार रात को विकास दुबे के नोएडा में देखे जाने की अफवाह उड़ी थी, लेकिन नोएडा पुलिस ने साफतौर पर उसकी मौजूदगी से इनकार किया था।
विकास दुबे के बुने जाल में फंसी पुलिस!
बुधवार को दिनभर यह अफवाह उड़ती रही कि विकास दुबे पुलिस से बचने के लिए दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न शहरों ने भटकता रहा। इस अफवाह के पीछे विकास दुबे की एक साजिश भी हो सकती है। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि विकास दुबे से जुड़े हुए लोगों ने योजना बनाकर यह अफवाह फैलाई कि विकास नोएडा में मीडिया के सामने सरेंडर कर सकता है। पुलिस को गुमराह करने के लिए माहौल बनाया गया और इस बीच सबका ध्यान एनसीआर पर केंद्रित हो गया पुलिस यहां भटकती रही और इस सब को बीच में चकमा देते हुए विकास दुबे अपने खास लोगों के साथ महाकाल पहुंच गया।
बता दें कि कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास कई राज्यों की पुलिस को चकमा देते हुए मंगलवार रात को फरीदाबाद में देखा गया था। इसके बाद वह बुधवार सुबह फरीदाबाद से दिल्ली होते हुए नोएडा पहुंचा, लेकिन यह जानकारी सिर्फ अफवाह निकली।
बताया जाता है कि कानपुर के विक्रम गांव में जिस रात घटना हुई थी उस रात विकास दुबे पैदल ही खेतों के रास्ते एक पड़ोस के गांव में भागने में सफल रहा था। इस दौरान वह बिना गाड़ी के ही था। ऐसा उसने पुलिस को चकमा देने के लिए किया था। इस दौरान विकास दुबे अपनी गाड़ी का इस्तेमाल भी नहीं कर रहा था।
सूत्रों के मुताबिक, विकास दुबे किसी जानकारी की मोटरसाइकिल लेकर शहर से बाहर निकल गया। इसके बाद वह फरीदाबाद आया और यहां पर अपने रिश्तेदार के घर से भी फरार होकर एक ओयो होटल में आखिरी बार देखा गया। जैसे ही उसे फरीदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा छापेमारी की सूचना मिली वह यहां से भी भाग निकला।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार सुबह गैंगस्टर विकास दूबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ। इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने यूपी पुलिस को सौंप दिया। अब पुलिस उसे लेकर कानपुर आ रही है।