उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार सख्ती बढ़ा रही है। दो दिन की साप्ताहिक बंदी को तीन दिन करने के बाद अब फिर चार दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। पहले साप्ताहिक बंदी तीन मई और फिर छह मई तक थी। अब इसे बढ़ाकर सोमवार यानी 10 मई सुबह सात बजे तक के लिए कर दिया है। सरकार के फैसले के अनुसार लॉकडाउन को चार दिन और बढ़ा दिया गया है। इस दौरान पूर्ण रूप से बंदी रहेगी, लेकिन जरूरी चीजों की दुकानें व जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।
कोरोना संक्रमण को बढ़ते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार चिंता जता रहे हैं। कोविड का वर्तमान स्ट्रेन लगातार रूप बदल रहा है। यह पहली लहर की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक है। बेकाबू कोरोना संक्रमण पर लगाम कसने के लिए सरकार अब धीरे-धीरे सख्ती बढ़ाती नजर आ रही है। दो दिन की साप्ताहिक बंदी को तीन दिन करने के बाद अब सरकार ने इसे 10 मई सुबह सात बजे तक के लिए कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के साथ हुई बैठक में कहा है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार लगातार जरूरी कदम उठा रही है। प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी प्रभावी है। इसे और विस्तार दिया जा रहा है। अब प्रदेश में सोमवार सुबह सात बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी रहेगा। इस अवधि में आवश्यक और अनिवार्य सेवाएं जारी रहेंगी। दवा, सब्जी की दुकानें, औद्योगिक इकाइयां आदि चलती रहेंगी।
गांवों में घर-घर जा रही कोरोना जांच टीम : ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार से घर-घर जांच अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान नौ मई तक चलेगा। इस दौरान गांव के हर व्यक्ति के बारे में जानकारी ली जाएगी, जिन लोगों में कोरोना के लक्षण होंगे अथवा जो दूसरे प्रदेश से लौट कर आए हैं उनकी कोविड जांच की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। हर टीम को 1000 लोगों की जिम्मेदारी दी गई है। यह टीम गांव में जाएगी। लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेगी। परिवार में किसी को बुखार होगा तो उसे मेडिकल किट उपलब्ध कराएगी।
कोविड की रोकथाम के लिए राज्य सलाहकार समिति गठित : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रोकथाम और उपचार के लिए शासन को समय-समय पर आवश्यक परामर्श देने के लिए राज्य सलाहकार समिति का गठन किया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस बारे में मंगलवार को आदेश जारी कर दिया है। राजधानी के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के निवेशक डॉ. आरके धीमन की अध्यक्षता में गठित इस समिति के सदस्य किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटीके कुलपति डॉ. ले. जनरल विपिन पुरी, अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति डॉ. एके सिंह, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद, मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. राकेश कपूर, एसजीपीजीआइ के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रो. आरके सिंह, एसजीपीजीआइ के डॉ. आलोक नाथ, केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. वेद प्रकाश, सुपर स्पेशियल्टी पीडियाट्रिक हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा के निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता, लखनऊ के मिडलैंड हॉस्पिटल के डॉ. बीपी सिंह, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के निदेशक, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष, स्टेट सर्विलांस ऑफिसर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण होंगे।