आर्थिक हालात सुधरने में यूपी हो सकता है आगे, जीएसडीपी उठने की संभावना

कोरोना संकट के बीच बेहद गंभीर स्थिति से देश ही नहीं बल्कि हर राज्य की अर्थव्यवस्था गुजर रही है। यूपी में भी स्थिति कुछ डगमगाई हुई सी है। लेकिन पिछले दिनों हुए एक अध्ययन के तहत यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में आर्थिक हालात कुछ हद तक सुधर सकते हैं। सकल राज्य घरेलू उत्पाद यानी कि जीएसडीपी के उठने की संभावना तेज है। इससे प्रदेश में विकास का पहिया घूमेगा और आर्थिक संभावनों को बल मिलेगा।

कितना बढ़ेगा जीएसडीपी
जिस प्रकार से देश की अर्थव्यस्था को मापने का पैमाना जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद होता है वैसे ही प्रदेश में इसे जीएसडीपी यानी सकल राज्य घरेलू उत्पाद से देखते हैं। जीडीपी के तहत देखा जाता है कि देश में घरेलू उत्पाद के उत्पादन की स्थिति कैसी है। जिससे अर्थव्यवस्था को फायदा होता है। राज्य नियोजन संस्थान के अर्थ एवं संख्या प्रभाग की ओर से किए गए अध्ययन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के तृतीय यानि अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2020 तक प्रदेश की आर्थिक प्रगति बेहतर रही थी। इसके आधार पर प्रदेश के सकल राज्य उत्पाद (जीएसडीपी) में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है। यह अनुमान वर्ष 2011-12 के स्थिर भावों पर आधारित है।

क्यों है संभावना आर्थिक हालात सुधरने के
दरअसल, आर्थिक विशेषज्ञों का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश में जिस तरह बीते अक्टूबर से दिसंबर के बीच में कृषि, पशुपालन, मछली पालन, खनन, वाटर सप्लाई, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्ट, सर्विस सेक्टर और निर्माण कार्य में तेजी से कार्य हुआ था, उसी तरह से फिर उक्त क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर प्रदेश के राज्य सकल उत्पाद को लेकर अनुमानित की गई 2.1 प्रतिशत की वृद्धि को हासिल किया जा सकता है। अर्थ एवं संख्या प्रभाग के विशेषज्ञों के अनुसार बीते साल कोरोना संकट के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थी। लॉकडाउन हटाए जाने के बाद धीरे -धीरे आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया गया। उस दरमियान मुख्यमंत्री ने आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए छोटे कारोबारियों से लेकर बड़े उद्योगपतियों से बातचीत की। निर्यात कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की रियायतें देने का ऐलान किया। आईटी तथा लाजिस्टिक सेक्टर में निवेश के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया। तो छोटे कारोबारियों को कारोबार को शुरू करने के लिए बैंकों से लोन दिलाने की व्यवस्था की गई। पटरी दुकानदरों को भी लोन दिलाने का भी इंतजाम किया गया। इसके अलावा ग्रामीणों क्षेत्रों में मछली पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन तथा डेयरी कारोबार को बढ़ावा देने संबंधी योजनाओं से युवाओं को जोड़ने का कार्य किया। यहीं नहीं राज्य में फिल्म निर्माण संबंधी कारोबार शुरू करने की संभावनाओं की तलाश में मुख्यमंत्री मुंबई गए और वहां फिल्म कारोबार से जुड़े बड़े प्रतिष्ठित लोगों से वार्ता करने के बाद यूपी में एक भव्य फिल्मसिटी के निर्माण का ऐलान किया गया।

बीते वर्ष के मुकाबले अधिक
अर्थ एवं संख्या प्रभाग के विशेषज्ञों के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 के तृतीय यानि अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2020 में फसलों के मूल्यवर्धन में 72676.21 करोड़ रुपए अनुमानित किया गया, जो कि बीते वर्ष से 0.7 फीसद अधिक है। इसी प्रकार फिशिंग और एक्वाकल्चर सेक्टर में 72676.21 करोड़ रुपए के मूल्यवर्धन का अनुमान लगाया गया है जो कि बीते वर्ष से 41.7 प्रतिशत अधिक है। खनन और उत्खनन क्षेत्र में 7752.40 करोड़ रुपए के मूल्यवर्धन का अनुमान लगाया गया है जो कि बीते वर्ष से 43.40 फीसद अधिक है। इसी तरह से पशुपालन, मछली पालन, खनन, वाटर सप्लाई, मैन्यूफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्ट, सर्विस सेक्टर और निर्माण सेक्टर के कामकाज में इजाफा होने का अनुमान विशेषज्ञों ने लगाया है। इनका कहना है कि बीते वर्ष कोरोना संकट से निपटने के बाद तथा इस वर्ष कोरोना महामारी का सामना करते हुए जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीवन तथा जीविका को बचाने के लिए जो कदम उठाये, उसके चलते राज्य में आर्थिक गतिविधियां चलती रही हैं। राज्य में खेती किसानी के लेकर औद्योगिक उत्पादन होता रहा। जिसके चलते राज्य में बीते एक वर्ष के दौरान यूपी का निर्यात कारोबार लगातार बढ़ा है, वही महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु सरीखे राज्यों का निर्यात कारोबार घट गया है। जबकि कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश से चावल, गेहूं, दाल, चीनी, डेयरी उत्पाद तथा अन्य खाद्य पदार्थ और कालीन तथा चमड़े से बने सामान आदि का निर्यात बीते साल के मुकाबले बढ़ा गया।

कारोबार भी ठीक हुआ
भारत सरकार के एक तुलनात्मक अध्ययन में यह बताया गया है। इस तुलनात्मक अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2019-20 में 2,219,854.18 करोड़ रुपए का निर्यात कारोबार हुआ था। जबकि वर्ष 2020-21 में 2,151,770.63 करोड़ रुपए का निर्यात कारोबार हुआ। इसी समयावधि में उत्तर प्रदेश से वर्ष 2019-20 में 1,20,356.34 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2020-21 में 124139.96 करोड़ रुपए का निर्यात कारोबार हुआ। जो कि वर्ष 2019-20 में हुए निर्यात से 0.65 फीसदी अधिक है। निर्यात कारोबार में हुआ यह इजाफा भले की कम है लेकिन महाराष्ट्र का निर्यात कारोबार इसी समयावधि में 6.08 फीसदी, तमिलनाडु में 9.09 फीसदी और गुजरात में 0.38 फीसदी घट गया है। इस नाते उत्तर प्रदेश के निर्यात कारोबार में हुआ इजाफा उल्लेखनीय है। यहीं नहीं अब तो स्टॉक मार्केट में भी सबसे अधिक 52.4 लाख लोगों ने निवेश कर रखा है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश कोरोना महामारी के समय भी आर्थिक क्षेत्र में भी तेजी से अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए है, जिसके आधार पर ही प्रदेश के राज्य सकल उत्पाद में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान अर्थ एवं संख्या प्रभाग ने लगाया है।

GB Singh

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