लखनऊ: राजधानी लखनऊ स्थित शकुंतला देवी विश्व विद्यालय की छात्र पारुल की आत्महत्या के मामले में उसके पिता ने पारा थाने में परीक्षा नियंत्रक, केयरटेकर और एक गार्ड के खिलाफ बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज करायी है। शुक्रवार को पारूल का पोस्टमार्टम हुआ, इसके बाद परिवार के लोग उसके शव को लेकर देवरिया जनपद रवाना हो गये।
एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया कि पारुल की आत्महत्या की खबर पाकर देर रात को ही पारूल के पिता कमलापति सहित परिवार के अन्य लोग लखनऊ पहुंच गये थे। शुक्रवार को उन्होंने बेटी की मौत के संबंध में पुलिस से लिखित शिकायत की। अपनी शिकायत मेें उन्होंने इस बात आरोप लगाया कि परीक्षा नियंत्रक अश्वनी दूबे ने पारूल के एमए के इंटरनल एक्जाम के नम्बर नहीं चढ़ाये थे और इस बात को लेकर वह डिप्रेशन में थी। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद विवि के छात्रों ने केयर टेकर सीमा और गार्ड कुलदीप से पारूल को अस्पताल ले जाने की बात कही पर उन लोगों ने बिना मैनेजमेंट के आदेश के कुछ भी करने से इनकार कर दिया। इस पर विवि के छात्र अपनी बाइक से ही पारुल को इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जहां डाक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया था। पारूल के पिता की इस शिकायत पर पारा पुलिस ने शुक्रवार को परीक्षा नियंत्रक, केयर टेकर और गार्ड के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा 306 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। वहीं शुक्रवार को छात्र पारुल का पोस्टमार्टम कराया गया। पीएम के बाद पारूल के शव को परिवार वालों के हवाले कर दिया गया और परिवार के लोग शव लेकर देवरिया जनपद रवाना हो गये।
विवि प्रशासन ने गठित की जांच टीम
शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में बीएड छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद अधिकारी और कर्मचारियों पर लगे आरोपों की जांच के लिए विवि प्रशासन ने जांच कमेटी गठित कर दी है।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रवीर कुमार ने मामले की जांच के लिए प्रोफेसर शेफाली यादव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम बनाई है। इनमें प्रोफेसर शेफाली के अलावा डॉ. अनामिका चौधरी, प्रोफेसर राजीवनयन पाण्डेय और प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह शामिल हैं। जांच समिति को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है। यूनिवर्सिटी में दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया है।
यह है पूरी घटना
विश्वविद्यालय की बीएड छात्रा 23 वर्षीय पारुल सिंह ने गुरुवार दोपहर हॉस्टल में फांसी लगा ली थी। साथी छात्र उसको इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जहां उसकी मौत हो गयी थी। पारुल की आत्महत्या के बाद देर रात तक छात्रों ने जमकर हंगामा व प्रदर्शन भी किया था। छात्र मृतक के परिवार वालों को मुआवजा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस प्रदर्शन के दौरान उग्र छात्रों ने तोडफ़ोड़ भी की थी।