अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन के प्रमुख अजीत पई को बहुत से लोगों ने इंटरनेट की दुनिया का खलनायक कहना शुरू कर दिया है क्योंकि उनके ही निर्णायक वोट से अमेरिका का नेट न्यूट्रैलिटी कानून खत्म हो गया।
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अजीत का वोट निर्णायक था क्योंकि इससे नेट न्यूट्रैलिटी के समर्थक तीन के मुकाबले दो मतों से हार गए। इसके चलते नेट न्यूट्रैलिटी की गारंटी देने वाला कानून खत्म हो गया है और अब वहां लोगों को अलग-अलग वेबसाइट चलाने के लिए अलग-अलग कीमत चुकानी होगी। जबकि नेट न्यूट्रैलिटी इस बात की गारंटी की थी कि इंटरनेट पर हर वेबसाइट की रफ्तार और कीमत एक ही होगी।
पर अब अमेरिका में हो सकता है कि वॉट्सएप चलाने के लिए 30 रुपये देने पड़े और ट्विटर के लिए 60 रुपये। हालांकि भारत में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई ने देश में नेट न्यूट्रैलिटी लागू करने का फैसला लिया है। यानी यहां हर वेबसाइट के लिए इंटरनेट की कीमत और रफ्तार एक जैसी ही होगी।
अजीत की आलोचना
दो हफ्ते पहले स्वीडन के एक व्यंगकार ने अजीत को लेकर एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्हें द मोस्ट हेटेड पर्सन ऑन द इंटरनेट बताया गया था। इस वीडियो को तीस लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।
ट्रंप ने की थी नियुक्ति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी, 2017 में सत्ता संभालने के बाद अजीत पई की नियुक्ति की थी। हालांकि बराक ओबामा के कार्यकाल में भी अजीत खुलकर नेट न्यूट्रैलिटी के खिलाफ बोलते थे। अप्रवासी भारतीय परिवार में पैदा हुए अजीत ने शिकागो यूनिवर्सिटी से कानून और हार्वर्ड से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है।
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