अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के और रूस से संबंधित कंपनियों के मालवाही जहाजों के अमेरिकी बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगा दी। ये जहाज अमेरिकी बंदरगाहों पर न तो माल उतार सकेंगे और न वहां से माल का लदान कर सकेंगे। विदित हो कि वर्ष 2021 में रूस से संबंधित 1,800 जहाज अमेरिकी बंदरगाहों पर आए थे। गुरुवार को अमेरिकी सरकार ने रूस के 40 से ज्यादा लोगों, कंपनियों और एक बैंक पर भी प्रतिबंधों का एलान किया। ये सभी प्रतिबंध यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के विरोध में लगाए गए हैं।
रूस से प्रतिबंध हटाने को लेकर चर्चा नहीं
अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने गुरुवार को कहा कि मास्को पर लगाए गए पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को हटाने की संभावना के बारे में अमेरिका मौजूदा वक्त में रूस के साथ कोई चर्चा नहीं कर रहा है।
प्रतिबंधों में राहत को लेकर फिलहाल चर्चा नहीं
ब्रेटन वुड्स कमेटी के साथ एक वर्चुअल चर्चा के दौरान सिंह ने कहा कि, हमारे पास संचार के कई चैनल हैं जो अभी भी खुले हैं, लेकिन फिलहाल हम उस स्थिति में नहीं हैं जहां हम प्रतिबंधों से राहत के बारे में बात कर सकें। सिंह ने कहा कि पश्चिमी प्रतिबंधों का रूस के सैन्य औद्योगिक परिसर समेत उसकी आपूर्ति श्रृंखला और उसकी उत्पादक क्षमता पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि रूस पर लगे प्रतिबंधों में राहत का तब तक कोई मायने नहीं होंगे, जब तक वो यूक्रेन को लेकर किसी राजनयिक समाधान पर बात करने को राजी नहीं होता है।
पश्चिमी देशों ने रूस पर लगाए कई प्रतिबंध
चर्चा के दौरान दलीप सिंह ने साफ किया कि रूस के साथ किसी भी तरह के प्रतिबंधों में राहत की वार्ता का नेतृत्व यूक्रेन द्वारा ही किया जाएगा। जिसमें कुछ सुरक्षा गारंटियों को शामिल किया जाना बहुत आवश्यक है। आपको बता दें, अमेरिका और उसके सहयोगियों देशों ने रूसी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। जिनमें बैंक, सैन्य औद्योगिक परिसर संस्थान, जहाज निर्माण उद्योग, वाणिज्यिक एयरलाइंस समेत कई अन्य क्षेत्रों में शामिल हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर ऊर्जा क्षेत्र को इन प्रतिबंधों से बाहर रखा गया है। यह पश्चिमी प्रतिबंध रूस द्वारा यूक्रेन में पिछले करीब दो महीने से जारी सैन्य संघर्ष को लेकर लगाए गए हैं।