-एक्सक्लूसिव खबर-
लखनऊ: भारत की स्वाधीनता के 74 वर्षों बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई विभाग ने आर्थिक स्तर पर इस बार चीन को दिवाली पर बड़ा झटका देने की तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल स्वतंत्र दिवस के अवसर पर आज एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने उत्तर प्रदेश के कास्तकारों को अत्याधुनिक डाई वितरण किया। इसका उद्देश्य मूर्तिकार को आने वाली दिवाली के त्योहार के लिए बेहद सुंदर और आकर्षक मूर्तियाँ और दिये बनाने के लिए अकरसित करना है।
एमएसएमई की पहल: चीन में निर्मित गणेश-लक्ष्मी से सुंदर मूर्तियाँ बनेंगी यूपी में
दरअसल चीन से आयातित हो रही मूर्तियाँ, दिये और अन्य उपयोगी वस्तुओं ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि भारत के बाज़ारों को पूरी तरह से पाट दिया है जिसका नतीजा हमारे देश में कास्तकारों का अपने पारंपरिक धंधे से मोह भंग होना रहा।
कोविद 19 से उपजी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पर बल दिया था। उसी के साथ चाइना द्वारा गलवान घाटी पर अवैधानिक अधिकार बनाने के चलते भारतियों द्वारा चाइना से आयातित सामान के बहिष्कार की आवाज़ उठने लगी थी, जिसको मूर्त रूप देने के लिए भारत को आत्मनिर्भर होना आव्यश्यक है। ऐसे में एमएसएमई विभाग द्वारा आधुनिक डाई उपलब्ध कराने का यह प्रारम्भिक कदम निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगा।
आज स्वतंत्र दिवस के अवसर पर खादी भवन, डालीबाग में आयोजित कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव और महाप्रबंधक माटी कला बोर्ड नवनीत सहगल ने लखनऊ से सटे 25 मूर्तिकारों को आधुनिक डाई प्रदान कर इस कार्यक्रम की शुरुवात की। इस तरह की आधुनिक डाई पूरे प्रदेश के मूर्तिकारों को जल्द ही मुहैया कराई जाएगी ताकि इस वर्ष दिवाली पर चाइना में निर्मिल श्री लक्ष्मी-गणेश से ज्यादा सुंदर मूर्तियाँ यहाँ बन सके।
दरअसल एमएसएमई विभाग की इस योजना से एक तीर से कई निशाने लगाने के उद्देश्य की पूर्ति होती दिखाई दे रही है। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे को मूर्त रूप देने की कोशिश शुरू की गयी है वही दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अतिप्रिय एक-ज़िला-एक-उत्पाद योजना को बल देने की कोशिश की जा रही है। वहीं यह पहल चीन से आयातित सामान पर निर्भरता खत्म करने की दिशा में उत्तर प्रदेश का एक गिलहरी प्रयास साबित होगा।